Crime in Rajasthan: अपराध के मामलों में अपने पड़ोसी राज्यों से सबसे सुरक्षित माने जाने वाला राजस्थान भी अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में लगातार अपराध के प्रकरणों में बढ़ोतरी हो रही है और कोई भी ऐसा अपराध नहीं है जिसमें कमी दर्ज की गई हो। लगातार बढ़ रहे अपराध के ग्राफ के सामने राजस्थान पुलिस भी बेबस नजर आ रही है।
प्रदेश में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जहां एक ओर राजस्थान पुलिस के आला अधिकारी लगातार प्रदेश में क्राइम कंट्रोल का राग अलापते रहते हैं, तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं के आंकड़े प्रदेश में अपराध की हकीकत की पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं।
चाहे बात हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, बलवा, नकबजनी, चोरी और अन्य आईपीसी ऑफेंसेस की करें, सब में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रदेश में गैंगवार, फायरिंग, दुष्कर्म, पेपर लीक जैसे मामले तो देशभर में सुर्खियां बन रहे हैं।
वर्ष 2022 के शुरुआती 5 महीनों के अपराध के आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो वर्ष 2021 की तुलना में हत्या के प्रकरणों में करीबन 12 प्रतिशत, हत्या के प्रयास के प्रकरणों में तकरीबन 28 प्रतिशत, डकैती के प्रकरणों में तकरीबन 3 प्रतिशत, लूट के प्रकरणों में तकरीबन 15 प्रतिशत, अपहरण के प्रकरणों में तकरीबन 22 प्रतिशत, दुष्कर्म के प्रकरणों में तकरीबन 20 प्रतिशत, बलवा के प्रकरणों में तकरीबन 5 प्रतिशत, नकबजनी के प्रकरणों में तकरीबन 18 प्रतिशत, चोरी के प्रकरणों में तकरीबन 22 प्रतिशत और आईसीसी के अन्य प्रकरणों में तकरीबन 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
प्रदेश में आईपीसी अपराधों की बात करें तो साल 2022 में साल 2021 की तुलना में 11.61 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बाहरी राज्यों से आने वाले बदमाश अब प्रदेश में आपराधिक वारदातों में लिप्त हो रहे है। अवैध शराब , अवैध खनन या मादक पदार्थों की तस्करी , पेपर लीक या भू माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने राज्य सरकार से कानूनों को और सख्त बनाने की मांग रखी है।
प्रदेश में अपराधों और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ी। जिसके तहत प्रदेश में आर्म्स एक्ट के तहत 5992 मामले दर्ज कर किए। आर्म्स एक्ट में 6732 अपराधियों को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में अवैध हथियार और कारतूस बरामद किए हैं। मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में 3821 प्रकरण दर्जकर 6395 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ भी बरामद किए गए।