राजस्थान में नए चीफ सेक्रेटरी को लेकर प्रदेश की ब्यरोक्रेसी में चर्चाएं तेज हैं। सीएस की रेस में करीब आधा दर्जन आईएएस अफसरों के नाम पर विचार किया जा रहा है। वहीं अंदरखाने से खबर आ रही है कि वरिष्ठ आईएएस वीनू गुप्ता और उषा शर्मा के नाम फिलहाल चीफ सेक्रेटरी की दौड़ में सबसे आगे हैं। ऐसा इसलिए भी है कि इस बार सरकार महिला वोटरों पर खास ध्यान देना चाहती है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला वोटर्स में पैठ बनाने के लिए इन दोनों महिला अफसरों में से किसी एक के नाम को फाइनल कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो राज्य में दूसरी बार किसी महिला अफसर को ये पद मिलेगा।
1985 बैच की आईएएस अधिकारी उषा शर्मा विस. अध्यक्ष सीपी जोशी की रिश्तेदार हैं। ऐसे में प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी से ये भी खबर सामने आ रही है कि सीपी जोशी अपने लेवल पर उषा शर्मा के लिए लाॅबिंग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सीएम गहलोत ब्राह्मण वोटरों को ध्यान में रखकर उषा शर्मा के नाम पर भी विचार कर सकते हैं।
उषा शर्मा को सीएस बनाने की एक वजह ये भी है सामने आ रही है कि उषा शर्मा दिल्ली से अपने घरेलू कैडर राजस्थान में आना चाहती हैं। दरअसल उषा शर्मा के हसबैंड आईएएस बीएन शर्मा भी जयपुर में ही पोस्टेड हैं। आईएएस अधिकारी बीएन शर्मा राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के चैयरमेन है। उषा शर्मा की इमेज टीमवर्क के साथ तालमेल बिठा कर काम करने की मानी जाती है। वे ग्राउंड लेवल पर काम करने में विश्वास करतीं है। उषा शर्मा वर्तमान में दिल्ली में खेल एवं युवा मंत्रालय में सचिव के पद पर हैं।
1987 बैच की आईएएस अधिकारी वीनू गुप्ता पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की पत्नी हैं। ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम गहलोत सवर्ण वोट बैंक को ध्यान में रखकर वीनू गुप्ता के नाम पर भी मुहर लगा सकते हैं। वीनू गुप्ता वर्तमान में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष हैं। बताया जा रहा है कि वीनू गुप्ता सीएम की बैठक में पूरी तैयारी के साथ मौजूद रहती हैं। वे राज्य सरकार के दिशानिर्देशों को लेकर सख्त अनुपालन कराने के लिए जानी जाती है। ऐसे में अंदरखाने से खबर है कि पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता अपने संबंधों के जरिए वीनू गुप्ता की लॉबिंग कर रहे हैं। बता दें कि सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के बाद डीबी गुप्ता को छोड़कर राज्य की पूरी नौकरशाही को बदल दिया था। ऐसे में बताया जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता निजी तौर पर काफी पसंद करते हैं।
वरिष्ठता के आधार पर 1985 बैच के आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव पहले नंबर पर आते हैं, लेकिन फिलहाल श्रीवास्तव भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसलिए सीएम गहलोत उनके नाम पर सहमत नहीं हैं। श्रीवास्तव वर्तमान में इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के महानिदेशक का पद संभाल रहे हैं।
श्रीवास्तव के बाद 1985 बैच की आईएएस उषा शर्मा का नंबर वरिष्ठता के आधार पर आता है।
1987 बैच के आईएएस नीलकमल दरबारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में हैं। इनका नाम भी रेस में है।
वहीं 1988 बैच के आईएएस अधिकारी, खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल भी रेस में हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि उन्हें सीएम गहलोत पसंद नहीं करते हैं। अग्रवाल को जोड़ तोड़ के लिए माहिर माना जाता है।
1989 बैच के आईएएस वी. श्रीनिवास और शुभ्रा सिंह के नाम भी सामने आ रहे हैं, लेकिन सूत्रों बता रहे हैं कि सीएम गहलोत इनके नाम पर राजी नहीं बताए जा रहे।
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