कोचिंग हब राजस्थान के कोटा से छात्रों को लेकर दो बुरी खबर है। कोटा में लीवर में संक्रमण की वजह से एक छात्र की मौत हो गई, जबकि कई अन्य छात्र बीमार बताए जा रहे हैं। वहीं एक अन्य घटना में पढ़ाई के तनाव की वहज से IIT कोचिंग कर रहे एक छात्र ने सुसाइड कर लिया। छात्र ने अपनी मां के सामने ही 9वीं मंजिल से छलांग लगा दी।
जानकारी के अनुसार कोटा में लीवर में संक्रमण से नीट की तैयारी कर रहे छात्र वैभव राय (18) की निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वैभव राय यहां जवाहर नगर इलाके के उन 36 छात्रों में शामिल था, जो पिछले कुछ दिनों में इस बीमारी से पीड़ित थे। इनमें से 18 ठीक हो चुके हैं, जबकि अन्य का तीन निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी एक गंभीर जिगर की बीमारी द्वारा लाया गया तंत्रिका तंत्र विकार है।
छात्र राय का इलाज करने वाले डॉ. राजीव शर्मा ने कहा कि उसे पांच अक्टूबर को बुखार और पीलिया के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ दिनों के भीतर उन्हें हेपेटिक एन्सेफेलोपैथी का पता चला था। उनके मस्तिष्क में सूजन थी, जो गंभीर हो गई और गुरुवार को उसकी मृत्यु हो गई। पैंतीस अन्य छात्रों को हाल ही में हेपेटाइटिस-ए के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने विभिन्न स्रोतों से पानी के कम से कम 65 नमूने एकत्र किए।
प्रेट्र के मुताबिक, कोटा के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि क्षेत्र के तीन जल आपूर्तिकर्ता कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों और कैंटीनों में दूषित पेयजल की आपूर्ति करते पाए गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि राय की मौत के सही कारण का पता डेथ आडिट से चलेगा, जो चल रहा है। राय पश्चिम बंगाल के मूल निवासी था, लेकिन कई वर्षों से यहां कैथून शहर में अपने परिवार के साथ रह रहा था।
डॉ. सोनी ने कहा कि तीन पानी आपूर्तिकर्ताओं को जोड़ने से कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों और कैंटीनों को दूषित पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। एसएन पारीक मेमोरियल एंड मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के डा केके पारीक ने कहा कि 12 कोचिंग छात्रों का एक सप्ताह से अधिक समय से हेपेटाइटिस-ए का इलाज चल रहा है, जहां इनमें से अधिकांश छात्र भर्ती हैं।
उन्होंने कहा कि संक्रमण दूषित पानी और भोजन के कारण होने की सबसे अधिक संभावना है, क्योंकि रोगियों के यकृत एंजाइम खतरनाक रूप से उच्च पाए गए थे, लेकिन उनमें से सभी में सुधार हो रहा है। कोटा (शहर) के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बृजमोहन बैरवा ने कहा कि सीएमएचओ को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है और उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, कोटा के सीएमएचओ जे. सोनी ने बताया कि 35 छात्र बीमार हुए। इनमें से अधिकतम रिकवरी चरण में हैं। मामलों की संख्या कम हुई। जल स्रोत का नमूना लिया गया। 83 नमूने एकत्र किए गए। 18 रक्त नमूनों में से 11 को हेपेटाइटिस ए और एक हेपेटाइटिस ई के साथ निदान किया गया था। कोचिंग व हास्टल संचालकों के साथ हुई बैठक में पानी की टंकियों को साफ रखने के निर्देश दिए गए हैं। भूमिगत पानी की टंकियों की सफाई कराई गई। आरओ वाटर फिल्टर में यूवी लैंप लगाए गए।
राजस्थान के कोटा में पढ़ाई के तनाव में फिर एक कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार दोपहर उसने अपनी मां के सामने ही नवीं मंजिल से छलांग लगा दी। जहां गिरा वहां जमीन में गड्ढा हो गया। यह घटना CCTV में कैद हो गई। स्टूडेंट के नीचे गिरने की आवाज सुनकर बिल्डिंग के लोग मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
घटना जवाहर नगर थाना क्षेत्र में राजीव गांधी नगर स्थित रिहायशी बिल्डिंग की है। छात्र का नाम स्वर्णा था। उम्र 16 साल थी। कोलकाता का रहने वाला था। वह यहां एक-डेढ़ साल से रह रहा था और 11वीं कक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। मां भी उसके साथ ही रहती थी।
मृतक की मां संगीता ने बताया कि उनका बेटा स्वर्णा पढ़ाई को लेकर तनाव में था। उसने कोचिंग में टीचर से बात करने के लिए कहा था। मैंने टीचर को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पर मैंने बेटे से कहा कि कोचिंग जाकर ही बात कर लूंगी। इसी दौरान वह नीचे कूद गया।