जयपुर के होटल में मटन में मिलाया जा रहा नीलगाय का मांस, वन विभाग की टीम ने महिला को रंगे हाथ पकड़ा

जयपुर के होटलों में मटन के नाम पर नीलगाय का मांस परोसे जाने का आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। साथ ही चौमू को होटलों में भी नीलगाय के मांस की सप्लाई का खुलासा हुआ है। इसका खुलासा वन विभाग की टीम ने किया है।
जयपुर के होटल में मटन में मिलाया जा रहा नीलगाय का मांस, वन विभाग की टीम ने महिला को रंगे हाथ पकड़ा

जयपुर के होटलों में मटन के नाम पर नीलगाय का मांस परोसे जाने का आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। साथ ही चौमू को होटलों में भी नीलगाय के मांस की सप्लाई का खुलासा हुआ है। इसका खुलासा वन विभाग की टीम ने किया है। वन विभाग ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है जिनके साथ पूरे गैंग के एक्टिव होने की बात सामने आई है। पूछताछ में सामने आया है कि ये लोग पहले नीलगाय का शिकार करते हैं और फिर होटलों तक मांस पहुंचाते हैं। कार्रवाई सीकर के श्रीमाधोपुर में हुई है।

बंदूक से करती थी नीलगाय का शिकार

वन विभाग की टीम ने धोली देवी बावरिया (32) पत्नी रमेश बावरिया को नीलगाय को काटते हुए मौके से पकड़ा था। उसने पूछताछ में बताया कि वो बंदूक से नीलगाय का शिकार करती है और फिर रात को अंधेरे में शिकार हुई नीलगाय को काटती है जिसके बाद मांस को जयपुर और चौमूं पहुंचाया जाता है।

पूछताछ में फिलहाल जयपुर में पानीपेच के पास एक होटल और चौमूं में दो तीन होटल में मांस सप्लाई होने की बात सामने आई है।

श्रीमाधोपुर में नीलगाय के शिकार का मामला सामने आया है। गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ में कहा कि रात के अंधेरे में शिकार किए हुए नीलगाय को काटती थीं। इसके बाद मांस जयपुर, चौमूं जैसे बड़े शहरों में सप्लाई कर दिया जाता था।

शनिवार को खुलासा करते हुए वन विभाग के रेंजर देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बकरे का मांस 500-700 रुपए किलो बिकता है। होटल वाले नील गाय का मांस 100 रुपए प्रति किलो खरीदकर बकरे के मांस में मिलाकर ग्राहकों को मटन बताकर परोस देते थे।

युवकों को दिखा नीलगाय का मृत शरीर

क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शुक्रवार की शाम को कुछ युवक नदी क्षेत्र में खेल रहे थे। तभी उनको एक नीलगाय मृत अवस्था में मिली। पास जाकर देखा तो नीलगाय को गोली लगी हुई थी।

युवकों ने इसकी सूचना सरपंच ग्राम पंचायत अरणियां को दी। सरपंच ने श्रीमाधोपुर वन विभाग को सूचना दी। रात को श्रीमाधोपुर रेंजर देवेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची।

नदी क्षेत्र में छुपकर बैठी रही टीमें

राठौड़ ने बताया कि वन विभाग की टीमें रात को नदी क्षेत्र में छिपकर बैठ गई। देर रात को कुछ लोग शिकार किए गए नीलगाय का मांस निकाल रहे थे। तभी वन-विभाग की टीम ने दबिश देकर मौके से जयपुर जिले के बस्सी के किशनपुरा निवासी धोली देवी बावरिया (32) पत्नी रमेश बावरिया को पकड़ा गया।

यहीं धोली देवी बावरिया से पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आए नामों के आधार पर टीबावाली ढाणी खुर्रमपुरा जिला जयपुर में शनिवार सुबह दबिश देकर मौके से ममता (33) पत्नी राजकुमार बावरिया को गिरफ्तार किया गया।

राठौड़ ने बताया कि इस मामले में नामजद अन्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी। कार्रवाई के दौरान टीम में वनपाल जितेन्द्र सिंह, सहायक वनपाल हेमराज सांखला, कमलेश शर्मा, सुभाष चन्द मीणा, विनोद सैनी, राजेन्द्र सैनी, सुनील सैनी, विनोद मीणा, स्नेहलता चौधरी, मीनू चौधरी शामिल थे।

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