जोधपुर जिले में एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने वाली घटना घटी। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकाले जा रहे जुलूस में सिर तन से जुदा करने के नारे लगे। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रविवार नौ अक्टूबर को जोधपुर में बारावफात के मौके पर जुलूस निकाला गया था। इस जुलूस में सैकड़ों युवा शामिल हुए थे। जुलूस के बीच सिर तन से जुदा के नारे लगाने लगाए गए। जुलूस में पुलिस भी मौजूद थी।
जैसे ही हिंदू संगठनों का इसका पता चला, उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने देर रात मामले में एक आरोपी रोशन अली सिंधी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की गई। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि अब तक मामले में गिरफ्तार एक आरोपी रोशन अली इलाके में ही एक रेडिमेंट कपड़े की दुकान चलाता है। पुलिस रातभर दबिश देकर आरोपियों को तलाशने में जुटी रही।
गौरतलब है कि इससे पहले भी जोधपुर में दंगे हुए थे, जो देशभर में सुर्खियों में रहा था। चौराहे पर मूर्ति में माला लगाने की बात को लेकर विवाद में दो पक्ष आमने-सामने हो गए। घटना में कई दर्जन लोग घायल हुए थे। जिसके चलते जोधपुर में कई दिनों तक नेट भी बंद रहा।
जोधपुर ग्रामीण एसपी अनिल कयाल ने बताया कि शनिवार को पीपाड़ में निकाले गए एक जुलुस के दौरान 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाने की शिकायत पुलिस को मिली थी। साथ ही इन नारों का वीडियो भी पुलिस के पास आया था। जिसके बाद वीडियो में नारे लगावाने वाले मुख्य आरोपी की पहचान रोशन अली के रूप में की गई। तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया गया।
पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि रोशन अली पूर्व में धान व्यवसायी था और वर्तमान में पीपाड़ के ताबूत चैक में कपड़े की दुकान चलाता है। सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के अनुसार रोशन अली पर पूर्व में भी इस प्रकार धार्मिक आधार पर पीपाड़ का माहौल खराब करने का प्रयास करने का आरोप लग चुका है।
पुलिस हिरासत में लिया गया आरोपी रोशन अली पर पूर्व में भी पीपाड़ शहर में साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने का आरोप लगे थे। पीपाड़ साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में यहां इस प्रकार के नारे किसके इशारे पर लगाए गए और इन नारों के लगाने के पीछ क्या उद्देश्य रहा है? यह पुलिस के लिए जांच का विषय है। बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के अन्य शहरों में ऐसी गतिविधियों के बाद राजस्थान पुलिस और एनआईए ने सख्ती बरतते हुए कड़ी कार्रवाई की है। हालांकि सख्ती के बाद भी इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय है।