Rajasthan Politics: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग एक बार फिर से तेज हो गई है। पहले पायलट को गद्दार बता चुके गहलोत ने अब बिना किसी का नाम लिए कोरोना बताकर कटाक्ष किया है। कल अशोक गहलोत ने बिना नाम लिए कहा था कि हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना घुस गया है।
गहलोत के इस बयान पर सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि कि हमें बड़ी और पब्लिक की बात करनी होगी तभी हम चुनाव में बीजेपी को हरा पाएंगे। पायलट ने कहा राजनीति पर पटखनी देना चलता है लेकिन अपमान कर देना ठीक नहीं है। पायलट ने कहा- 'मेरे बारे में क्या क्या नहीं बोला..आप लोग बताओ क्या क्या नहीं बोला। इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी।'
सचिन पायलट ने कहा-'राजनीति में अपने विरोधियों को मैंने हमेशा सम्मान दिया। हमेशा भ्रष्टाचार उजागर करने का काम किया। लेकिन ऐसे शब्द नहीं बोले जो खुद के बारे में नहीं सुन सकता। कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग राजनीति में नहीं करना चाहिए जो अपने बारे में आप नहीं सुन सकते।
पायलट ने आगे कहा-' आप बताओ मेरे संघर्ष में कोई कमी रही.. मेरी रगड़ाई में कोई कमी रही...सम्मान और अपमान पर फैसला दिल्ली को लेना है। पायलट ने कहा कि युवाओं के साथ गलत होगा किसानों के साथ गलत होगा कार्यकर्ताओं के साथ गलत होगा तो मैं विरोध करूंगा और आवाज उठाऊंगा।
दरअसल, एक वीडियो सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कथित तौर पर कह रहे हैं कि कोरोना महामारी के बाद पार्टी में "बड़ा कोरोना" आ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत ने कथित तौर पर पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की है। वीडियो गहलोत की बुधवार को कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक का है।
गहलोत ने बैठक के दौरान एक प्रतिभागी को जवाब देते हुए बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘‘मैंने मिलना शुरू किया है। पहले कोरोना आया। फिर हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना घुस गया।’’ उन्होंने कहा कि उपचुनाव या राज्यसभा चुनाव के बावजूद सरकार कर्मचारियों के सहयोग से बेहतरीन योजनाएं लाई है।
गहलोत की टिप्पणी को पायलट के अपनी सरकार पर बार-बार हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। विभिन्न जिलों में सोमवार से अपनी दैनिक जनसभाओं में सचिन पायलट पेपर लीक, पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और सेवानिवृत्त नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों के मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है।