Tailor Murder: हत्यारों को पकड़वाने वाले संकट में; गहलोत सरकार वादा कर भूली, नौकरी भी छूटी

Tailor Murder: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने दोनों जांबाजों से जो वादा किया था उसे 6 माह बीत गए, लेकिन अब तक वादा पूरा नहीं किया। दोनों व्यक्तियों को अब अपनी जान जाने का खतरा है।
Tailor Murder: हत्यारों को पकड़वाने वाले संकट में; गहलोत सरकार वादा कर भूली, नौकरी भी छूटी
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Tailor Murder: पिछले साल पैगबंर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान के बाद पूरे देश में काफी बबाल मचा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध में बयान आने लगे, लेकिन नूपुर के बयान का समर्थन करने वालों को मजहब विशेष के लोगों की ओर से धमकियां मिलने लगी। इसी कड़ी में राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल का गला रेत कर मर्डर कर दिया गया था।

उदयपुर में हुए इस हत्याकांड को कौन भूल सकता है? दो आरोपियों ने उनकी दुकान में घुसकर गला रेत दिया था, जिसके बाद वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में सनसनी फैल गई थी। हत्या करने के बाद दोनों आरोपी भागने की फिराक में थे लेकिन शक्ति सिंह और प्रह्लाद नामक दो लोगों ने अपनी जान पर खेलकर हत्यारों को पुलिस से पकड़वाया दिया था।

सरकार! क्या हुआ तेरा वादा...

गत वर्ष 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में हुए इस जघन्य हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी को दो जांबाज व्यक्तियों शक्ति सिंह और प्रह्लाद ने करीब 25 किमी तक पीछा कर पुलिस से पकड़वा दिया था। इसके बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने दोनों को सुरक्षा के लिहाज से गार्ड और लाइसेंसी बंदूक देने की बात कही थी, लेकिन अब तक वह वादा सिर्फ वादा ही बना हुआ है।

कन्हैयालाल हत्याकांड को 6 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन सरकार ने प्रह्लाद और शक्ति सिंह की तरफ मुड़कर भी नहीं देखा। आज तक सरकार यह जानने की कोशिश तक नहीं की है कि दोनों किस हालत में जीवन यापन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब इन दोनों व्यक्तियों को अपनी जान का खतरा है। उस घटना के बाद दोनों की नौकरी चली गई। अब इन्हें कोई नौकरी नहीं दे रहा है। दोनों पिछले कई महीनों से बेरोजगार घूम रहे हैं।

काम से निकाला, कोई दूसरा नहीं दे रहा नौकरी

काम न मिलने को लेकर शक्ति सिंह ने बताया कि वे इससे पहले सूरत में एक किराना की दुकान पर काम करते थे। इस हत्याकांड के समय वह अपने माता-पिता से मिलने गांव आए थे। इस घटना के बाद जब वह वापस काम पर गए तो दुकान मालिक उन्हें नौकरी से निकाल दिया। जिसके बाद से अब तक कोई नौकरी नहीं मिली है। जहां भी काम के लिए जाते हैं डर की वजह से उन्हें कोई काम पर नहीं रखता।

25 किमी तक हत्यारों का किया था पीछा

उस दिन को याद करते हुए शक्ति सिंह और प्रह्लाद बताते हैं कि उस दिन वे दोनों चौराहे पर बैठे थे। वहां और भी लोग थे लेकिन किसी ने भी उन्हें रोकने का पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। उन्होंने ही दोनों हत्यारों का 25 किलोमीटर से भी ज्यादा तक पीछा किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ा था।

चेहरा हुआ सार्वजनिक, अब हरदम खतरा

हत्यारों को पकड़वाने वाले प्रह्लाद ने बताया कि जब शक्ति सिंह और मैंने हत्यारों को पकड़वाया तब उनके चेहरे और पहचान सार्वजनिक हो गई। जिसके बाद से उन्हें डर है कि उनके लोग कहीं रेकी न कर रहे हों। पता नहीं कब कौन कहां मिल जाये और उन्हें जान से मार दे। काम है नहीं उल्टे जान को खतरा हमेशा मंडराता रहता है। घर वाले बुरी तरह सहमे हुए हैं। सरकार हमें भूल गई अब करें तो क्या करें?

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