कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने पिछले दिनों सभी मंत्रियों को चिट्ठी भेजकर 4 जून को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में फ्री वैक्सीनेशन के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के आदेश दिए थे। इस आदेश को मानते हुए बाकी सभी मंत्री तो अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में चले गए, लेकिन धारीवाल का जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का कोई कार्यक्रम नहीं आया है। शांति धारीवाल जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद कोविड पर जयुपर में बैठक नहीं लेंगे।
न यहां फ्री वैक्सीनेशन अभियान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। धारीवाल ने प्रभार वाले जिले की जगह अपने गृह जिले (कोटा) को बैठक के लिए चुना है। जयपुर में धारीवाल की जगह कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शनिवार शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट में कोविड मैनेजमेंट और वैक्सीनेशन पर बैठक लेंगे। कटारिया कोटा के प्रभारी हैं।
कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि सुविधा के हिसाब से धारीवाल और लालचंद कटारिया ने एक-दूसरे के प्रभार वाले जिलों में बैठक करने का फैसला लिया है। उधर, जानकारों का कहना है कि धारीवाल ने अपनी बात मनवाने के लिए और प्रदेशाध्यक्ष के आदेश की खिलाफत करने के लिए ऐसा किया है।
साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग करवा दिया, नहीं तो हाथापाई हो सकती थी।
जब पहली बार दोनों आपस में भिड़े मुख्यमंत्री ने दोनों को शांत रहने को कहा लेकिन विवाद फिर शुरू हो गया जब धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि उन्होंने पार्टी के कई अध्यक्ष देखे हैं और वह जो चाहें कर सकते हैं।दोनों मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक को देख मुख्यमंत्री ने कैमरा बंद कर दिया।
कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद भी धारीवाल और डोटासरा बाहर तेज स्वर में भिड़ गए। मंत्रियों को खुलकर लड़ते देख वहां मौजूद सीएम आवास के सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी भी हैरान रह गए। साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग करवा दिया, नहीं तो हाथापाई हो सकती थी।
धारीवाल ने खुले तौर पर डोटासरा से कहा कि वह उनके आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है, जबकि डोटासरा ने कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में आदेशों का पालन करना होगा। डोटासरा ने धारीवाल से कहा, "जयपुर के पार्टी प्रभारी होने के नाते पिछले ढाई साल में आपने आज तक बैठक भी नहीं की, आपका यह रवैया पार्टी के लिए अच्छा नहीं है, मैं इसकी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दूंगा।"
धारीवाल ने फिर जवाबी कार्रवाई करते हुए सवाल किया, "क्या आप मुझे धमकी देंगे?" जैसे ही दोनों मंत्री करीब आने लगे, साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग कर दिया।