डेस्क न्यूज़- हिमाचल प्रदेश में रुक-रुककर हो रही बारिश से कई जगह भूस्खलन हो रहे हैं। सिरमौर में मंगलवार सुबह भूस्खलन के चलते नाहन-श्रीरेणुकाजी-हरिपुरधार मार्ग बंद हो गया है। इसके चलते यातायात बाधित हुआ है और अब रेणुकाजी से होकर शिमला आने-जाने में लोगों को दिक्कत होगी। अब केवल चंडीगढ़ से ही शिमला जाने का विकल्प बचा है। मंगलवार सुबह करीब साढ़े 8 से 9 बजे के बीच भूस्खलन हुआ और अचानक से पहाड़ का एक हिस्सा सड़क पर आ गया। इसके चलते श्रीरेणुकाजी हरिपुरधार मार्ग बंद हो गया। अधिकारियों का कहना है कि सोमवार से ही इलाके में हल्का भूस्खलन हो रहा था जिसे देखते हुए वहां जेसीबी मशीन लगाई गई थी। मशीन के जरिए रास्ता साफ किया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार सुबह पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा ढह जाने से पूरा मार्ग बाधित हो गया। छोटे-छोटे भूस्खलन अभी भी हो रहे हैं जिससे सफाई का काम मुश्किल हो रहा है। अब भूस्खलन खत्म होने के बाद ही मलबा हटाया जाएगा। बता दे कि इससे पहले 30 जुलाई को सिरमौर जिले की कामरौ तहसील में भूस्खलन का एक वीडियो सामने आया था। इससे बरवास के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर यातायात ठप हो गया। पोंटाना साहिब को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का उपयोग उत्तराखंड के लोग भी करते हैं। भूस्खलन के कारण कई लोग जान बचाकर भाग निकले।
सोमवार को किन्नौर जिले में एनएच-5 पर पूर्णी झूला के पास अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। हादसे में चालक व अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि किन्नौर जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, सड़क क्षतिग्रस्त और बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इस बीच, पहाड़ों की दरारों का सिलसिला जारी है। उन्होंने जिले के लोगों और पर्यटकों से नदियों और नालों के पास और ऊंचाई वाले स्थानों पर न जाने का आग्रह किया।