तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम; खौफ में बिहारी मजदूर, हिंदी से इतनी नफरत क्यों?

तमिलनाडु में तालिबानियों की तरह तमिल लोग हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूरों को चुन-चुनकर, पहचान कर करके मार रहें हैं..तमिल लोगों को हिंदी बोलने वालों से आखिर इतनी नफरत क्यों है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट..
तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम
तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम
Updated on

तमिलनाडु में तालिबानियों की तरह तमिल लोग हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूरों को चुन-चुनकर मार रहें हैं, प्रताड़ित कर रहें हैं। माना की तमिल-तेलगु लोग हमेशा से ही हिंदी के खिलाफ रहें है लेकिन तमिल लोगों को हिंदी बोलने वालों से इतनी नफरत होगी इसका अंदाजा नहीं था।

बिहारी मजदूर सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा रहें हैं। इन वीडियो में साफ दिख रहा है कि हिंदी बोलने वाले मजदूरों कि पहचान कर करके खुलेआम काटा जा रहा है।

तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम
Birthday Girl Shraddha Kapoor के इस अंदाज पर फ़िदा हुए फैन, देखें Video

दैनिक भास्कर कि रिपोर्ट के अनुसार-

कोयंबटूर में फंसे जमुई के युवक अरमान ने बताया कि वहां के लोग पूछ रहे हैं कि ऐला हिंदी और जवाब में हां कहने पर सीधा काट रहें हैं। जो लोग ट्रेन में बैठ रहें हैं, उन्हें भी उतारकर पूछ रहे हैं कि तुम हिंदी हो अगर हिंदी बोलने वाला पाया जाता है तो उसे जान से हाथ गवाना पड़ता है।

मैं जहां फंसा हूं वहां बिहार के करीब 1000 मजदूर हैं। कल मेरे सामने मेरे एक दोस्त से पूछा कि क्या तुम हिंदी हो इसके बाद उसकी 4 उंगलियां काट दी। वो दर्द के मारे छटपटाते रहा। मैंने उसकी मदद करने की सोची तो मुझे भी जान से मारने की धमकी दी। मैं किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा।

अरमान, जमुई निवासी

अरमान को उसके एक दोस्त ने बताया कि उसके सामने बारावली में बिहार के 12 लोगों को एक कमरे में फांसी के फंदे से लटका दिया गया है। प्रशासन के पास हम मदद के लिए भी गए तो उनका कहना है कि वो तुम्हें मार रहे हैं तो तुम भी उन्हें मारो। मजदूर ट्रक, बस जो भी मिल रहा है उस साधन से तमिलनाडु से बाहर भाग रहें हैं।

तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम
IPS रूपा ने शेयर की महिला IAS की 'प्राइवेट फोटो', देखें

सोशल मीडिया पर हृदय को विचलित करने वाले कई वीडियो वायरल हो रहें हैं जिनमें देखा जा सकता हैं कि कैसे मजदूरों को दौड़ा-दौड़कर पीटा जा रहा है। हत्या की जा रही है। लोग इलाज नहीं मिलने कि वजह तड़प रहें हैं।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस भी ले रखा था ऐसे में स्थानीय मजदूरों से अनबन हो गई थी। इसके बाद से ही ये विवाद शुरू हुआ था।

तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर कत्लेआम
Bihar: 13 साल की बच्ची से दरिंदगी, गैंगरेप कर चबा डाले प्राइवेट पार्ट, बगीचे में मिली लहूलुहान
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com