पीएम नरेंद्र मोदी आज हैदराबाद में शाम 5 बजे 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' (Statue of Equality) की प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की। 11वीं शताब्दी के भक्ति शाखा संत श्री रामानुजाचार्य (sri ramanujacharya) की स्मृति में 216 फीट ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' की प्रतिमा बनाई गई है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री राज्य के पाटनचेरू में अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान के सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) परिसर में जाकर संस्थान की 50वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन भी करेंगे। बता दें कि रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को सराहा जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी शमशाबाद स्थित 'यज्ञशाला' पहुंचकर यहां चल रहे धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हो गए हैं। पुजारियों ने उनका तिलक आदि कर उन्हें रुद्राभिषेक में शामिल किया है। वह कुछ ही देर में 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी अष्टधातु से बनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा है। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है।
स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी को समर्पित करने से पहले पीएम मोदी हैदराबाद के पाटनचेरु में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-अरिड टॉपिक्स (ICRISAT) की गोल्डन जुबली सेरेमनी में भी शामिल हुए। यहां उन्होंने डिजिटल एग्रीकल्चर को भारत का फ्यूचर बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है- डिजिटल एग्रीकल्चर। ये हमारा फ्यूचर है और इसमें भारत के टेलेंटेड युवा, बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं। डिजिटल टेक्नॉलॉजी से कैसे हम किसान को मजबूत कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं। क्रॉप असेसमेंट, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव जैसे एरिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है। भारत ने अपने केंद्रीय बजट 2022-23 में भी हर सेक्टर में ग्रीन फ्यूचर को बढ़ावा देने के अपने कमिटमेंट को दिखाया है। हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं। आज भारत में हम FPO और एग्रीकल्चर वैल्यू चेन के निर्माण पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। देश के छोटे किसानों को हजारों FPO में संगठित करके हम उन्हें एक जागरूक और बड़ी मार्केट फोर्स बनाना चाहते हैं।
भारत में पहली बार समानता की बात करने वाले वैष्णव संत रामानुजाचार्य स्वामी के जन्म को 1001 साल हो चुके हैं। हैदराबाद में रामानुजाचार्य का भव्य मंदिर बनाया गया है। मंदिर में रामानुजाचार्य की दो मूर्तियाँ हैं। अष्टधातु की पहली प्रतिमा 216 फीट ऊंची है, जिसे स्थापित किया गया है, इसे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का नाम दिया गया है। दूसरी मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है, जो 120 किलो सोने से बनी है। हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर रामनगर में बने इस मंदिर में कई खूबियां हैं।
Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube