न्यूज – महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार को उद्धव ठाकरे सरकार ने बहुमत साबित कर दिया,
सरकार के पक्ष में 169 विधायकों ने वोट दिया और इस दौरान विपक्ष में कोई भी वोट नहीं पड़ा क्योंकि बीजेपी ने सदन से वॉकआउट कर दिया था, इस दौरान चार विधायक तटस्थ रहे जिनमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और एआईएमआईएम के विधायक शामिल हैं।
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में विश्वास मत का अनुमोदन किया था। शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था
दो बजे जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने विरोध किया, विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर नियमों को ताक पर रखकर सदन चलाने का आरोप लगाया है। सबसे पहले सदस्यों की गिनती हुई और उनसे हां या ना में जवाब मांगा गया, इस दौरान बीजेपी के सदस्य हंगामा करते रहे, उनका कहना था कि ये सब नियमों के ख़िलाफ़ हो रहा है।
सदन से बाहर आकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि सदन में अपनाई गई प्रक्रिया असंवैधानिक है, उनका कहना था कि नियमों को ताक पर रखकर प्रोटेम स्पीकर को हटाकर नया प्रोटेम स्पीकर बनाया गया,
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "इस अधिवेशन को बुलाने के लिए नया समन जारी होना चाहिए था. इस दौरान पिछले अधिवेशन को ही जारी किया गया. मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की शपथ ग़लत तरीक़े से ली गई. संविधान के नियमानुसार शपथ नहीं ली गई वो अवैध है. देश के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर को ऐसे हटाया नहीं गया लेकिन मनमानी करके सारी कार्यवाही की गई."
"फ़्लोर टेस्ट स्पीकर के चुनाव के बाद होता है लेकिन स्पीकर के चुनाव से पहले ही फ़्लोर टेस्ट कराया गया, सदस्यों को होटल से निकालकर बहुमत परीक्षण के लिए लाया गया है, सदन में संविधान के अनुसार काम नहीं चल रहा है इसलिए हम सदन से बाहर आ गए हैं, इसको लेकर हम राज्यपाल को पत्र देंगे और उनसे सारी कार्रवाई निरस्त करने की मांग करेंगे"