शासन ने 60 साल या उससे ऊपर की उम्र की महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा कराने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) ने सफर करने वाली इस आयु वर्ग की महिलाओं के सर्वे के आदेश देकर क्षेत्रीय प्रबंधकों से रिपोर्ट मांगी गई है. उनसे पूछा गया है कि उनकी बसों में हर दिन कितने यात्री सफर करते हैं ? उनमें सीनियर सिटीजन महिलाओं की संख्या कितनी है? क्षेत्रीय प्रबंधक इस पर रिपोर्ट सोमवार तक मुख्यालय भेजेगा.
प्रमुख सचिव (परिवहन) राजेश कुमार सिंह ने पिछले शुक्रवार अफसरों से मीटिंग कर सीनियर सिटीजन महिलाओं को मुफ्त बस सफर के आदेश दिए थे. मुफ्त सफर कराने के साथ इस पर होने वाले घाटे की भरपाई वाले सुझाव को भी तैयार कर लिया गया है. इसके तहत बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त सफर कराने के एवज में हर महिने 99 रुपये अदा करने होंगे. फिर उस 99 रुपए में वे कितनी बार भी बस की यात्रा उस महिने कर सकती है. वहीं यूपी परिवहन निगम ने मरूभूमि राजस्थान की तर्ज पर मुफ्त बस सफर कराने की तैयारी शुरू की है.
प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम राजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि प्रदेश में 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं की संख्या के लिए समाज कल्याण विभाग से पेंशनर्स का ब्योरा भी मंगा गया है. जिससे विभाग यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि प्रदेश में कितने लोग 60 साल से उपर है.
बुजुर्ग महिलाएं साधारण बस ही नहीं, एसी बस सेवा में भी मुफ्त सफर की सुविधा पाएंगी. यानी 60 साल से उपर की महिलाएं वॉल्वो, स्कैनिया, जनरथ, महिला स्पेशल पिंक स्पेशल, शताब्दी में भी सफर कर सकेंगी. इसके साथ ही सीनियर सिटीजन महिलाओं को बस अड्डे अन्य सहूलियतें भी महिलाओं को दी जाएंगी.
60 साल से उपर की इन महिलाओं को मुफ्त सफर कराने पर शासन से प्रतिपूर्ति हासिल करने के सुझाव को भी तैयार किया है. इसके जरिए बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त सफर कराने के एवज में हर महिने 99 रुपये का भुगतान करने पर वह महिला उस महिने जितना चाहे उतनी बसों में सवारी कर सकती है.