Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही है। मंदिर में विराजमान करने के लिए रामलला की तीन मूर्तियां बनाई गई है।
जब ये मूर्तियों के बनाने का कार्य प्रांरभ हुआ तब से ही ये शिलाएं मंत्र सुनने लगी थीं। दरअसल ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन वैदिक विद्वान तीनों शिल्पकारों गणेश भट्ट, सत्य नारायण पांडेय व अरुण योगीराज की कार्यशाला में सुबह-शाम मंत्रों का पाठ करते थे।
शिल्पकारों ने भी मंत्रों के लिए अपनी व्यवस्था कर रखी थी। एक शिल्पकार ने बताया कि मंत्रों के उच्चारण से माहौल पवित्र रहता था।
तीनों ने 6 महीने से अधिक समय तक अयोध्या में काम किया है। तीनों मूर्तियों में से एक गर्भगृह में विराजमान होगी। इसके लिए अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है।
जानकारी के अनुसार भगवान का जलाभिषेक करने के लिए 1000 छिद्रों का जर्मन सिल्वर से बना कलश तैयार किया गया है।
राम मंदिर में पूजन के लिए ज्यादातर सामग्री काशी में तैयार हो रही है। कुछ सामग्री काशी के शंकराचार्य के यहां से अयोध्या पहुंच रही है।
बता दें कि मंदिर के परिसर में ईशान कोण में मंडप तैयार हो चुका है, जिसमें 2-2 फुट गहराई व लंबाई-चौड़ाई के 9 कुंड तैयार हो रहे हैं।
कुंडों में हवन करने के लिए घी व समिधा की आहूति के लिए आम की लकड़ियों को मंगाया जा रहा है।
9 यज्ञ कुंडों के लिए 10 सेट तैयार किया जा रहा हैं और हर सेट में पांच से अधिक काष्ठ के उपकरण होंगे।