अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद यह पहली रामनवमी है। इस रामनवमी को लेकर भक्तजनों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
अवधपुरी में 500 साल बाद यह शुभ अवसर आया है जब नवनिर्मित मंदिर में रामलला का पहला जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
रामलला का अभिजीत मुहूर्त में सूर्य की किरणों से तिलक किया गया। रामलला का सूर्य तिलक देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। बता दें कि सूर्य की किरणें मंदिर की तीसरी मंज़िल पर लगाए गए automacanical सिस्टम के ज़रिये गर्भ गृह तक प्रवेश की है।
जो दर्पण से परिवर्तित होकर सीधे प्रतिमा के मस्तक पर गोल तिलक के आकर में दिखाई दे रही है। उत्सव का मुख्य आकर्षण ही यह सूर्य तिलक है जो पुरे 4 मिनट का रहेगा।
इस दौरान भगवान के बाल रूप का पंचामृत से अभिषेक, पूजन और श्रंगार किया गया। इसके साथ ही रामलला को सोने के धागों से बनी पोषक पहनाई गई। जिसपर मोर और वैष्णव चिन्हों को रंग-बिरंगे रेशम से काढ़ा गया है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली बार होगा जब उनके वस्त्र बदले जाएंगे।
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि राम नवमी उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसके लिए भक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए ट्रस्ट ने दर्शन का समय बढ़ा दिया है। 17 अप्रैल को मंदिर के पट 20 घंटे तक खुले रहेंगे।
वाद्य यंत्रो की मधुर ध्वनि के बीच नृत्य-गीत होगा और भगवान को सोने और चांदी के बर्तनों में 106 प्रकार का भोग लगाया जाएगा।