UP Election 2022: मायावती ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, BSP के गठबंधन की अफवाहों को सिरे से नाकारा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियों में सियासी हड़कंप मच चूका है। सभी पार्टियों जोरो शोरों से चुनाव प्रचार में लगी हुई है और सभी नेता अपना अपना सियासी हित साधने में लगे है।
UP Election 2022: मायावती ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, BSP के गठबंधन की अफवाहों को सिरे से नाकारा
UP Election 2022: मायावती ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, BSP के गठबंधन की अफवाहों को सिरे से नाकारा Image Credit: Amar Ujala
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियों में सियासी हड़कंप मच चूका है। सभी पार्टियों जोरो शोरों से चुनाव प्रचार में लगी हुई है और सभी नेता अपना अपना सियासी हित साधने में लगे है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को घोषणा कर दी कि पार्टी सभी 403 सीटों पर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ने जा रही है। उन्होंने किसी अन्य पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया और कहा कि 2007 की तरह अगर इस बार भी उन्हें सत्ता मिली तो वह सभी वर्गों का ख्याल रखेंगी। मायावती ने आज लखनऊ में पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम समाज और जाट समुदाय के पार्टी नेताओं की एक बड़ी बैठक बुलाई है, इसे अखिलेश-जयंत के गठबंधन की काट के रूप में देखा जा रहा है।

मायावती ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

इस बैठक में उन्होंने नेताओं को अपने-अपने समाज के लिए आरक्षित सीटों पर पार्टी का आधार मजबूत करने का जिम्मा सौंपा। इस अवसर पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर यूपी की सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की और विश्वास जताया कि 2007 की तरह प्रदेश में एक बार फिर बसपा की सरकार बनेगी। मायावती ने इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए आरक्षण बाबासाहेब की देन है, लेकिन यूपी में आरक्षण को बेअसर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी जाति जनगणना नहीं करा रही है।

बसपा से जुड़े जाट, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग के लोग

मायावती ने बताया कि इससे पहले उन्होंने पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम समाज और जाट समुदाय के पार्टी पदाधिकारियों को अपने समाज के लोगों को सामान्य सीटों पर पार्टी से जोड़ने का जिम्मा सौंपा था, जिसकी उन्होंने पिछले महीने समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के लोग बड़ी संख्या में बसपा से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के दलितों, सबसे पिछड़े और आदिवासियों को आरक्षण का अधिकार मिला है तो यह बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का योगदान है। उन्होंने यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत किया था।

बीजेपी-कांग्रेस पर हमला

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि केंद्र में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिसे बाद में बसपा ने प्रयास करके वीपी सिंह सरकार से लागू करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकारें नए नियम-कायदों और कोर्ट-कचहरी के जरिए आरक्षण को अप्रभावी बनाने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार खत्म नहीं हुए हैं। बसपा ओबीसी समाज की जाति जनगणना की मांग से पूरी तरह सहमत है, जिसकी केंद्र सरकार अनदेखी करती रही है।

'भाजपा से नाखुश हैं जनता'- मायावती

मायावती ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज के लोग भाजपा सरकार से नाखुश हैं, उनकी प्रगति रुक ​​गई है। फर्जी केस कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। बीजेपी का उनके प्रति सौतेला व्यवहार साफ नजर आता है। उन्होंने आगे कहा कि बसपा की सरकार बनने पर ऐसे सभी वर्गों का ध्यान रखा जाएगा। मायावती ने कहा कि बसपा यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि पार्टी राज्य की सभी आरक्षित विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करे। इसके लिए वह खुद चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगी। गठबंधन के एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया कि वह गठबंधन नहीं करेंगी। वह राज्य की सभी 403 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी। मायावती ने कहा कि जनता आज उनकी सरकार को याद कर रही है। 2022 में एक बार फिर पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।

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