UP Lok Sabha Election 2024: राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और बीजेपी के बीच नजदीकियों और साथ चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच रालोद ने अपने नेताओं के बयान देने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि कहीं किसी नेता का बयान कोई परेशानी न खड़ा कर दे। अब तक जब भी बीजेपी और रालोद के साथ आने की चर्चाएं चलती थीं तब या तो जयंत चौधरी या फिर रालोद के किसी बड़े नेता का बयान सामने आ जाता था लेकिन इस बार सब खामोश हैं।
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंद्र चौधरी जयंत चौधरी के बेहद करीबी और खासमखास माने जाते हैं। उन्होंने अपने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि पार्टी हित में किसी भी नेता के बयान देने और किसी भी डिबेट में शामिल ना होने की बात लिखी। सूत्रों के मुताबिक आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने पार्टी नेताओं को सूचित किया कि भाजपा के साथ बातचीत हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के साथ आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की बातचीत हो चुकी है और आने वाले दिनों में सीट बंटवारे को भी सुलझा लिया जाएगा। आरएलडी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि बीजेपी कुछ समय से जयंत चौधरी को साथ लेने की कोशिश में थी। डील लगभग तय हो गई थी. इसके जरिए उत्तर प्रदेश में सम्मानजनक सीट बंटवारे का होना भी तय हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत में केंद्र और लखनऊ में एक मंत्री पद का प्रस्ताव भी शामिल है। संभावना है कि जयंत दिल्ली में कैबिनेट मंत्री बनेंगे और अपने नौ विधायकों में से एक को उत्तर प्रदेश में मंत्री नियुक्त कराएंगे।
समाजवादी पार्टी के एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में, जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने से इंडिया ब्लॉक को एक और झटका ऐसे समय में लग सकता है, जबकि वह पहले ही नीतीश कुमार के NDA में जाने से हल्का हुआ है और लगातार तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से विद्रोह सुर सुन रहा है। अब ऐसे में जयंत चौधरी भी गठबंधन से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं. उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के छपरौली में एक रैली स्थगित कर दी, जहां उनके दादा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया जाना था. बताया जा रहा है कि रैली रद्द होने की वजह भी, नए होने वाले गठबंधन से जुड़ी हुई है।
रालोद राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंद्र चौधरी ने जो एक्स पर पोस्ट लिखी है़, उसमें एक बात गौर करने वाली है। इस पोस्ट में ये भी लिखा है कि जयंत चौधरी के हर निर्णय के हम साथ हैं। ये शब्द भी बहुत कुछ इशारा कर रहें हैं। यानि साफ है कि जयंत चौधरी कोई बड़ा निर्णय लेने वाले हैं और वो जो भी निर्णय लेंगे उसमे रालोद का एक एक कार्यकर्ता उनके साथ होगा।