Ankita Murder Case: बेशर्मी की हद! अंकिता के हत्यारोपी पुलकित के पिता बोले- मेरा बेटा सीधा-साधा

अंकिता भंडारी हत्याकांड ने उत्तराखंड समेत पूरे देशवासियों को झकझोर दिया है, लेकिन न तो आरोपी और न ही उसके पिता को इसका मलाल है। यह बात इसी से साबित हो जाती है कि जहां पिता बेटे को बेकसूर, सीधा-साधा बता रहे हैं, वहीं आरोपी पुलकित भीड़ से घिरने के बावजूद बेखौफ नजर आया और घूंसे बरसाता दिखा।
Ankita Murder Case: बेशर्मी की हद! अंकिता के हत्यारोपी पुलकित के पिता बोले- मेरा बेटा सीधा-साधा

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके परिवार पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित आर्य को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही अंकित आर्य को आयोग के पद से हटा दिया गया है। अब पुलकित के पिता विनोद आर्य ने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि पुलकित सीधा सादा बच्चा है, उसका ध्यान बिजनेस पर था। इस मामले में मैं जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हूं।

विनोद आर्य ने कहा कि पुलकित काफी समय से उनके साथ नहीं रह रहा था। पुलकित आर्य मेरा बेटा है, लेकिन काफी दिनों से मुझसे अलग रह रहा था और हम जिम्मेदार लोग हैं। उन्होंने कहा कि हमने यह तय किया है कि जब तक जांच पूरी न हो और हमारे पद का दुरुपयोग न हो, इस कारण मैंने कल भारतीय जनता पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया है। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

मेरी जानकारी में नहीं कि पार्टी ने हमें निकाला : विनोद आर्य

विनोद आर्य ने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है कि पार्टी ने हमें निष्कासित किया है। हमने तो कल ही त्यागपत्र दे दिया था। अंकित ने भी त्यागपत्र कल दे दिया था। उन्होंने कहा कि जो रिसोर्ट बना हुआ है, वह पूरी तरह लीगल है। फैक्ट्री के नाम पर उसको नहीं बनाया गया है। जिला प्रशासन जांच करे, अच्छी बात है। अगर हम कहीं गलत हैं तो वह हमारे खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हम उसके लिए तैयार हैं।

पकड़े जाने पर भी कम नहीं हुई बेटे की हेकड़ी, चेहरे पर नहीं कोई डर

हत्या का खुलासा होने के बाद पूर्व राज्यमंत्री का बेटा और मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर भीड़ घूंसे, पत्थर और चप्पल बरसा रही थी, लेकिन वह घबराने की बजाय उल्टा लोगों पर अंदर से घूंसों से वार कर रहा था। इससे भीड़ का गुस्सा और बढ़ गया। वह अंदर से ही गाली गलौच भी कर रहा था। लोगों से पिटने के बाद भी उसके चेहरे पर डर और अपने जुर्म का पछतावा नजर नहीं आ रहा था।

बेटी की हत्या से टूट गए पिता, बोले- कातिलों को फांसी मिलने तक वापस नहीं जाऊंगा

अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने अपनी बेटी की हत्या से बिल्कुल टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी की हत्यारोपियों को फांसी नहीं मिलती वह लक्ष्मणझूला थाने से वापस नहीं जाएंगे। अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने थाने में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी बेटी 28 अगस्त को वनंत्रा रिसोर्ट में नौकरी करने के लिए आई थी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को पूर्व राज्य मंत्री के बेटे पुलकित आर्य और उसके साथियों ने मार दिया। जब तक उनकी बेटी के हत्यारोपियों को मौत की सजा नहीं मिलती है तब तक वह थाने से घर वापस नहीं जाएंगे।

आखिरी ऑडियो क्लिप आई सामने, रोते हुए रसोइए को किया फोन

देशभर में चर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एक तरफ जहां इस मामले को लेकर उत्तराखंड में लोगों के बीच गुस्सा है तो वहीं इसकी छानबीन अब शुरू हो चुकी है। इसी बीच अंकिता का आखिरी ऑडियो क्लिप सामने आया है। इसमें अंकिता अपने स्टाफ के एक मेंबर से बात कर रही है। स्टाफ में रसोइए का काम कर रहे शख्स से बातचीत में अंकिता ने रोते हुए अपना बैग मंगाया था।

'मेरा बैग ले आओ सड़क पर रख दो'

अंकिता भंडारी ने रिसॉर्ट में बतौर सेफ काम करने वाले शख्स से रोते-रोते कहा कि मेरा बैग ले आओ, मेरा बैग सड़क पर रख दो। लेकिन जब रिसॉर्ट का वह रसोइया बैग लेकर गया तो अंकिता वहां मौजूद नहीं थी। अंकिता भंडारी अपने इस आखिरी फोन कॉल में काफी सहमी हुई लग रहीं थी। रिसॉर्ट के रसोइए मनवीर सिंह चौहान ने खुद बताया कि वह काफी डरी हुई लग रही है।

पहली नौकरी में एक महिना भी पूरा नहीं हुआ

परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के मकसद से अंकिता पौड़ी के गांव से ऋषिकेश आई थी। यहां वह वनन्तरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। उसे अपनी पहली नौकरी में एक महिना भी पूरा नहीं हुआ था कि उसके साथ यह अनहोनी हो गई।

नौकरी से हत्या तक...

  • अंकिता का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन उसके पिता वीरेन्‍द्र ने अंकिता को किसी चीज की कमी नहीं होने दी।

  • अंकिता भी पिता को सपोर्ट करने के लिए करीब एक माह पहले 28 अगस्‍त को वनन्‍तरा रिसॉर्ट में जॉब करने पहुंची थी। लेकिन उसे क्‍या पता था कि जहां वह अपने सुनहरे भविष्य के सपने बुनकर आई थी, वहां उसके साथ अनहोनी हो जाएगी।

  • अंकिता भंडारी अपने माता-पिता और बड़े भाई अजय भंडारी की लाडली थी। शायद इसलिए ही जब उसने गांव से बाहर रहकर नौकरी करने की बात की तो घर पर सब नाराज हो गए।

  • मगर अंकिता की जिद के आगे उनकी एक न चली। शायह उन्‍हें भी अंकिता के आत्‍मविश्‍वास पर भरोसा था, लेकिन उनकी खुशियों को किसी की नजर लग चुकी थी।

  • घर से परमिशन मिलने के बाद अंकिता ने ओएलएक्स एप पर नौकरी की खोजबीन की।

  • यहां अंकिता को गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी का ऑफर मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन उसे क्‍या पता था कि वहां जाकर उसका भविष्‍य नहीं सुधरेगा। बल्कि वह पिता को सपोर्ट करने का उसका सपना, सपना ही रहा जाएगा।

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