Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बाघों के संरक्षण के लिए बने देश के सबसे जिम कार्बेट नेशनल पार्क में मजारों की आई बाढ़ है। दरअसल, जिस जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आप जंगली जानवरों को देखने के लिए जाते हैं, अब वहां जानवर कम और मजारें ज्यादा दिखती हैं।
जिम कॉर्बेट पार्क में अंदर करीब 1 किलोमीटर की दूरी तय करते ही आपको आपको मजारें दिखनी शुरू हो जाएंगी। इन मजारों पर चादरें चढ़ी हुई हैं। बाकायदा रंग-रोगन किया गया है। इसका मतलब यहां पर लोगों की आवाजाही होती है, जबकि ये एक रिजर्व क्षेत्र है। बिना अनुमित के यहां पर आवाजाही मना है। इसके बाद भी लोग यहां पहुंच रहे हैं। Video में देखें कहां-कहां बनीं मजारें?
आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार जिम कार्बेट नेशनल पार्क में 50 से ज्यादा मजारों का निर्माण हो चुका है। उत्तराखंड सरकार के एक सर्वे के अनुसार पूरे उत्तराखंड में 1000 मजारें बन चुकी हैं। जिम कार्बेट के आसपास के लोगों का कहना है कि इधर से गुजरने वाले कुछ ट्रक वाले रास्ते में दो-चार ईंटें छोड़ते जाते हैं, जिनसे मजहब विशेष के लोग जंगल में मजरों का निर्माण कर लेते हैं।
जिम कार्बेट जाने वाले लोगों का दावा है कि साल 2000 के आस-पास ये मजारें बनना शुरू हुईं। पहले एक बनी और अब ये संख्या देखते ही देखते 50 तक पहुंच गई है। वहीं, उत्तराखंड में अब तक ऐसी एक हज़ार से ज्यादा मज़ारों को चिन्हित किया जा चुका है, जो वन विभाग या सरकार की दूसरी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बनाई गई हैं और इनमें से अब तक 102 मज़ारों को सरकार ध्वस्त भी कर चुकी है।