Property Damage Recovery Act in Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार लगातार एक के बाद एक कड़े कानून बना रही है। समान नागरिक संहिता, नकल रोधी कानून, जबरन मतांतरण पर रोक को कानून व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर सख्त कानून लाने के बाद अब दंगाइयों से निपटने को देश का सबसे सख्त कानून की दिशा में कदम आगे बढ़े हैं।
इसके अंतर्गत उपद्रवियों से न केवल क्षति की पूरी वसूली की जाएगी, बल्कि आठ लाख तक का जुर्माना अलग से भी लगाया जा सकेगा। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में सरकार लॉ एंड ऑर्डर को भी मेंटेन करेगी।
देवभूमि में धामी सरकार लगातार कड़े फैसले लेकर जनता के बीच अपनी पैठ गहरी कर रही है। इस कड़ी में अब सरकार उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून लाने जा रही है। इससे संबंधित अध्यादेश कैबिनेट ने स्वीकृत कर दिया है। इस अध्यादेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी संपत्ति में केंद्र व राज्य सरकार से संबंधित सभी कार्यालय, निगम व उपक्रम लोक संपत्ति के दायरे में आएंगे।
संपत्ति की क्षति के दावों की सुनवाई के लिए दावा अभिकरण का गठन किया गया है। इनकी संख्या एक से अधिक हो सकती है। यह दावा अभिकरण संपत्ति की क्षति आकलन के लिए जांच कर सकती है। इसके लिए दावा आयुक्त नियुक्त किए जाएंगे। दावा आयुक्त तीन माह के भीतर जांच कर दावा अभिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। गुण दोष के आधार पर प्रतिकर संबंधी निर्णय लिया जाएगा।