Uttarakhand UCC: लिव-इन, GBTQ राइट, कंसेंट, शादी की उम्र... उत्तराखंड सरकार का UCC ड्राफ्ट तैयार

Uniform Civil Code: एक्सपर्ट कमेटी की प्रमुख ने बताया था कि उत्तराखंड में यूसीसी का मसौदा तैयार हो गया है और इस जल्द सरकार को सौंपा जाएगा। उधर, केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में ‘समान नागरिक संहिता’ बिल ला सकती है।
Uttarakhand UCC: लिव-इन, GBTQ राइट, कंसेंट, शादी की उम्र... उत्तराखंड सरकार का UCC ड्राफ्ट तैयार
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Uniform Civil Code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भोपाल में समान नागरिक संहिता (UCC) का पुरजोर समर्थन करने के संसद के बाद इस मॉनसून सत्र में बिल लाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। उधर, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने UCC का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। समिति राज्य में जगह-जगह जाकर सभी धर्मों, वर्गों और जातियों के प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क और उनसे संवाद के आधार पर ड्राफ्ट तैयार की है। ड्राफ्टिंग कमेटी ने शुक्रवार (30 जून 2023) को इसकी घोषणा की।

ड्राफ्टिंग कमेटी की अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट सेवानिवृत जज रंजना प्रकाश देसाई ने UCC को लेकर कहा, “उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है। ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी।”

ड्राफ्ट में लिव-इन, कंसेंट भी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि ने प्रस्तावित यूसीसी के मसौदे में एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों पर विचार किया है। हालांकि, इन्हें सिफारिश का हिस्सा नहीं बनाया गया है क्योंकि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर फैसला आना बाकी है।

इंडिया टु़डे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पैनल ने शादी की एक समान उम्र, लिव-इन रिलेशनशिप और ऐसे रिश्तों से पैदा होने वाले बच्चों, विवाह के पंजीकरण, सेक्स के लिए सहमति (कंसेंट) की उम्र, कम उम्र में बच्चे के जन्म जैसे मुद्दों को ध्यान में रखा है। महिलाओं के लिए शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर भी ड्राफ्ट में विचार किया गया है।

केंद्र मानसून सत्र में ला सकता है UCC बिल

इधर, संसद के मानसून सत्र में पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बिल लाए जानी की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालाँकि, मानसून सत्र कब से कब तक होगा, इसकी अभी घोषणा नहीं की गई। माना जा रहा है कि यह सत्र 17 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा।

संसद में UCC बिल को लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार इस बिल को संसद में 5 अगस्त को रख सकती है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि उसने अपनी घोषणा पत्र के जो भी बड़े निर्णय लिए हैं, वह 5 अगस्त को ही लिए हैं।

भाजपा के तीन बड़े मुद्दों में UCC भी

दरअसल, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले धारा 370 और 35A को निरस्त करने को लेकर 5 अगस्त 2019 को संसद में अध्यादेश लाया गया था। इसके बाद अयोध्या में बाबरी ढाँचा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला देने के बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भूमि पूजन किया था।

इस तरह भाजपा के तीन बड़े मुद्दे- धारा 370, राम मंदिर और समान नागरिक संहिता में से दो मुद्दों का समाधान हो चुका है और दोनों मुद्दे 5 अगस्त से संबंधित हैं। अब भाजपा का सिर्फ तीसरा मुद्दा बाकी है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए माना जा रहा है कि 5 अगस्त को UCC बिल पेश किया जा सकता है।

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