डेस्क न्यूज़ – उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को देश के पहले सोशल नेटवर्किंग ऐप 'एलीमेंट्स कार का लोकार्पण करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी से संबंधित युवाओं को स्वदेशी ऐप विकसित करने की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए। श्री नायडू ने यहां एक समारोह को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि नया भारत बनाने के लिए प्रतिद्वंद्वी युवाओं की आवश्यकता है जो नई खोज, नए प्रयोग और नवाचार कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ नकल नहीं करनी चाहिए बल्कि नवोन्मेष करना है।
नवोन्मेष ही 21 वीं सदी का मूल मामला है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में प्रख्यात आचार्यों और गुरुओं के कारण ही भारत को विश्व गुरु रूप में ख्याति प्राप्त हुई। यदि भारत को पुन: विश्व गुरु का स्थान प्राप्त करना है तो समर्पित गुरुओं की आवश्यकता होगी। श्री नायडू ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एलीमेंट्स मोबाइल ऐप का लोकार्पण करने का सुयोग प्राप्त हुआ। आत्मनिर्भरता की दिशा में यह महत्त्वपूर्ण कदम रखने के लिए, इससे शुभ संयोग नहीं हो सकता है।
केंद्र सरकार कई ऐसे अपराधों की परिभाषा को वर्तमान समय के हिसाब से बदलने की तैयारी में है। वैवाहिक दुष्कर्म, इकनामामृत्यु, यौन अपराधों और राजद्रोह से संबंधित कई अपराधों की परिभाषा पर फिर से विचार करने की तैयारी गृह मंत्रालय की ओर से की गई है। इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है।
वैवाहिक दुष्कर्म का अपराधीकरण, यौन अपराधों को लिंग तटस्थ बनाने से लेकर इकनामामृत्यु को वैध बनाने और राजद्रोह की परिभाषा पर पुनर्विचार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति ने 49 तरह के अपराधों को पुनर्विचार के लिए चुना है। इनमें से एक यह है कि क्या धारा 124 ए के तहत देशद्रोह के अपराध की परिभाषा, गुंजाइश और संज्ञान में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के कुलपति डॉ रणबीर सिंह, की शीर्षस्थ समिति ने प्रमाणिक और प्रक्रियात्मक आपराधिक कानून और साक्ष्य कानून पर ऑनलाइन व्यक्तिगत और विशेषज्ञों की सलाह मांगी है।
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