न्यूज – अगर आप बिहार में हैं, जहां शराबबंदी है और आप शराब पीते या बेचते गिरफ़्तार हुए हैं तो पटना हाई कोर्ट ने ज़मानत का एक नया नुस्ख़ा दिया है कि शराब बरामद होने के हिसाब से राशि जमा कराने की सहमति देने वाले अभियुक्तों को रिहा कर दिया जायेगा, लेकिन आरोपियों को ये पैसा पीएम केयर्स फंड में जमा करना होगा।
बिहार में शराब बैन है लेकिन अगर आप शराब पीते या बेचते गिरफ्तार हो जाते हैं, तो आपको जमानत के लिए पीएम केयर्स फंड में राशि जमा करनी होगी, पटना हाईकोर्ट ने शनिवार को शराबबंदी से जुड़े कई मामलों में फैसला सुनाते हुए जमानत के इस अनोखे तरीके को लागू करने का निर्देश दिया है, इसके तहत शराब बरामदगी के हिसाब से जमानत की राशि भरने वाले आरोपियों को रिहा कर दिया जाएगा, कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया कि किसी आरोपी का ज़मानत याचिका तभी स्वीकार किया जाये जब वो पीएम केयर्स फंड में जमा की गई राशि का रशीद दिखाये, लेकिन पीएम केयर्स फंड में पैसे कितने देने हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है, इससे पहले भी पटना हाई कोर्ट ने फर्जीवाड़ा के मामले में एक बिल्डर को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वो कोरोना पीड़ितों की सेवा करें।
पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने शनिवार को एक नहीं बल्कि शराबबंदी से सम्बंधित कई मामलों में ये फ़ैसला दिया है, जिससे अनुमान है कि पीएम केयर्स फंड में कम से कम तीन लाख रुपये जमा हुए होंगे, कोरोना को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के समय शराबबंदी के मामलों में पटना हाइकोर्ट ने यह फैसला दिया है।
नीतीश सरकार की तरफ से बिहार में लागू किए गए शराबबंदी कानून का फायदा पीएम केयर फंड को मिल रहा है. कोरोना काल में अगर आप शराब पीते पकडे गए या फिर आपकी गाडी से शराब बरामद हुई तो आपको पीएम केयर्स फंड में पैसा जमा करना होगा. पटना हाई कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड में रुपए जमा कराने पर ही जमानत देने का आदेश दिया है,पटना हाईकोर्ट में शराब से जुड़े मामलों में यह अनोखी पहल की है.
शराबबंदी कानून के तहत पकड़े गए अभियुक्त जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंच रहे हैं तो न्यायालय उन्हें पीएम केयर फंड में दंड शुल्क जमा कराने का निर्देश दे रहा है. हाईकोर्ट ने जमानत के लिए यह शर्त रखी है कि शराब बरामदगी का मामला जिस अभियुक्त पर जितना बड़ा होगा उसे इतनी बड़ी रकम पीएम केयर फंड में जमा करानी होगी. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने कई जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. एक अनुमान के मुताबिक इससे पीएम केयर्स फंड को करीब 3 लाख रुपए मिलेंगे।
ऐसे आदेश की शुरुआत प्रफुल्ल कुमार की जमानत अर्जी से हुई. प्रफुल्ल की अर्जी में कहा गया था कि जिस गाड़ी से शराब बरामद हुई है, उससे उसका कोई लेना देना नहीं है. क्योंकि वह गाड़ी का मालिक है और घटनास्थल पर मौजूद भी नहीं था. उसका ड्राइवर गाड़ी चला रहा था. उसे इस मामले में गलत ढंग से फंसाया गया है. इसलिए उसे जमानत दी जाए. कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड में रुपये जमा करने की बात कही. प्रफुल्ल ने कहा कि वह इस फंड में 10 हजार रुपए जमा कराने को तैयार है.और फिर कोर्ट ने उसे 20 हजार रुपए के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।