बेंगलुरू – जेडी(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहा है। कांग्रेस के 6 और जेडीएस के 3 विधायक स्पीकर रमेश कुमार को इस्तीफा देने पहुंचे थे। लेकिन बताया जा रहा है जब विधायक इस्तीफा देने पहंचे तो स्पीकर उस समय चैंबर में मौजूद नही थे। इसलिए वे इस्तीफे नहीं सौंपे सकें।
पिछले हफ्ते ही कांग्रेस के एक विधायक आनंद सिंह ने अपना इस्तीफा दिया था। अगर ये नौ विधायक अपना इस्तीफा सौंप देते हैं, तो गठबंधन सरकार की ताकत ओर घट जाएगी और गठबंधन की सीटों की स्थिति 108 रह जाएगी।
विधानसभा में 105 सीटें रखने वाली भाजपा को गठबंधन सरकार गिराने और अपनी सरकार बनाने के लिए 15 विधायकों के इस्तीफे की जरूरत थी। इन नए 9 इस्तीफों के साथ, भाजपा को अब सरकार को गिराने के लिए केवल छह और विधायकों के इस्तीफे की आवश्यकता होगी।
भाजपा सूत्रों के अनुसार अभी ओर अधिक विधायकों के इस्तीफे सौंपने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन कांग्रेस विधायकों ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है, वे हैं – रमेश जरखोली, महेश कुमटल्ली, प्रतापगौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल रामालिंगा रेड्डी और शिवराम हेब्बार। इसी तरह, जेडी (एस), के विधायक एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और डी गोपालैया से कहा जाता है कि उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी, ने कहा कि "मैं स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपने आया हूं। मुझे कांग्रेस या राष्ट्रीय नेतृत्व से कोई समस्या नहीं है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी बेटी सौम्या रेड्डी भी अपना इस्तीफा सौंपेंगी, उन्होंने कहा, "आपको उनसे पूछना पड़ेगा।"
विधान सभा पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा, "कोई भी इस्तीफा नहीं देगा। मैं उनसे मिलने आया हूं।"
इस बीच, उपमुख्यमंत्री जी परमीश्वर और राज्य मंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को बाद में कांग्रेस के बेंगलुरु के विधायकों की एक आपात बैठक बुलाई है।
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटें है। किसी भी पार्टी या गठबंधन के लिए सरकार बनाने के लिए उन्हें 113 विधायकों की जरूरत होती है।
वर्तमान में, भाजपा के पास 105 हैं। लेकिन यदि भाजपा गठबंधन से 15 विधायकों को इस्तीफा दिलवाने में सक्षम है, तो यह विधानसभा की सीटें 209 तक पहुंचा देगी। इसका मतलब यह होगा कि भाजपा सिर्फ 105 विधायकों के साथ सरकार बना सकती है।