नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शेर बहादुर देउबा आज लेंगे पीएम पद की शपथ

नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा आज शाम 5 बजे या इससे पहले पद की शपथ लेंगे। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्हें 2 दिन के भीतर प्रधानमंत्री बनाने का आदेश दिया था
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शेर बहादुर देउबा आज लेंगे पीएम पद की शपथ

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज राष्ट्रपति विद्या भण्डारी के तरफ से नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति किए जाने की तैयारी है, देउबा पक्ष का दावा है कि आज शाम ही देउबा छोटे आकार के मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण करने वाले हैं।

नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा आज शाम 5 बजे या इससे पहले पद की शपथ लेंगे। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्हें 2 दिन के भीतर प्रधानमंत्री बनाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने भंग पड़ी संसद को बहाल करने का आदेश भी दिया। इस आदेश के साथ ही चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने हफ्तेभर से जारी सुनवाई खत्म कर दी।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को संसद भंग कर दी थी

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को संसद भंग कर दी थी। नेपाली संसद पिछले 5 महीने में दूसरी बार भंग की गई थी। इसके साथ ही उन्होंने 12 और 19 नवंबर को चुनाव कराने का ऐलान भी किया था।

सरकार के ज्यादा दिन चलने की उम्मीद कम

कोर्ट के फैसले ने के पी ओली का बहिर्गमन तो तय कर दिया है लेकिन देउबा को जिन सांसदों के बहुमत के आधार प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश जारी किया था अब वह आधार ही नहीं रहा, विपक्षी गठबन्धन के तरफ से देउबा को प्रधानमंत्री बनाने के लिए ओली की पार्टी के 23 सांसदों ने भी समर्थन किया था, लेकिन कल अदालत के फैसले के साथ ही उन 23 सांसदों का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने विपक्षी गठबन्धन छोडने की घोषणा कर दी है।

राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 से ज्यादा पिटीशन फाइल की गई थीं

राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 से ज्यादा पिटीशन फाइल की गई थीं। विपक्षी पार्टियों की तरफ से दायर ऐसी ही एक याचिका में संसद को बहाल करने और कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की गई थी।

नेपाल की राजनीति पिछले साल दिसंबर से राजनीतिक संकट से जूझ रही

नेपाल की राजनीति पिछले साल दिसंबर से राजनीतिक संकट से जूझ रही है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में आंतरिक कलह के चलते 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री ओली की सलाह पर राष्ट्रपति ने संसद भंग करके 30 अप्रैल और 10 मई को ताजा चुनाव कराने का ऐलान किया था। इसके बाद फरवरी में कोर्ट ने संसद को बहाल कर दिया था।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com