डेस्क न्यूज़- शिवसेना ने मंगलवार को अपने पूर्व सहयोगी भाजपा तंज कसा और सवाल किया कि क्या देश में बर्ड फ्लू फैलने के पीछे कोई पाकिस्तानी, खालिस्तानी या नक्सली हाथ थे। वही शिवसेना ने अपने संपादकीय मुखपत्र ‘सामना’ में बताया कि भाजपा नेताओं ने पहले किसान आंदोलन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि इस विरोध के पीछे पाकिस्तानी, खालिस्तानी, चीनी, नक्सली और माओवादी हैं।
किसान नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और इस बीच बर्ड फ्लू के प्रकोप का नया संकट सामने आया है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि किसान आंदोलन के पीछे पाकिस्तानियों, खालिस्तानी, चीनी, नक्सलियों और माओवादियों का हाथ है।
खालिस्तानी, पाकिस्तानी और भाजपा के प्रवक्ता की घोषणा नहीं की गई है।
मुर्गियों और पक्षियों की रहस्यमय मौतों में नक्सलियों का हाथ है।
शिवसेना ने कहा, मुर्गियों और अंडों की बिक्री करने वालो का समर्थन कौन करगा?
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में पूछा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गियों और अंडों की बिक्री अधिक है। उनके पास खुद का अर्थशास्त्र है और नए कृषि कानूनों में अंडा विक्रेताओं की अर्थव्यवस्था के लिए कोई जगह नहीं है। नए कृषि कानून के अनुसार, कॉर्पोरेट्स मुर्गियों में सौदा नहीं करेंगे। फिर पोल्ट्री किसान में शामिल किसानों का समर्थन कौन करेगा। शिवसेना ने कहा कि बर्ड फ्लू के कारण किसान और मुर्गी पालन से जुड़े लोग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं।
10 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी हैं
पार्टी ने कहा कि देश भर में कई पोल्ट्री बाजार बंद कर दिए गए हैं, जिससे मुर्गियों और अंडों में काम करने वाले व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। डर के कारण लोग कुछ दिनों के लिए मुर्गियों और अंडों को नहीं खाएंगे और इससे क्षेत्र का व्यवसाय प्रभावित होगा।
बता दे कि अब तक देश के 10 राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हो चुकी है।