CBI के नये प्रमुख सुबोध जायसवाल को नहीं पता था UPSC का एग्जाम क्लियर करने के बाद कौनसी नौकरी मिलेगी ? 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मंगलवार देर रात अपना नया बॉस मिल गया। आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाया गया है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को जायसवाल की नियुक्ति की जानकारी दी
CBI के नये प्रमुख सुबोध जायसवाल को नहीं पता था UPSC का एग्जाम क्लियर करने के बाद कौनसी नौकरी मिलेगी ? 

(Subodh Jaiswal new head of CBI) : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मंगलवार देर रात अपना नया बॉस मिल गया। आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाया गया है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को जायसवाल की नियुक्ति की जानकारी दी। जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं और वह पूर्व में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक पद पर रहे हैं। सीबीआई में डायरेक्टर बनने से पहले वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक थे।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, जायसवाल सीबीआई की कमान संभालेंगे। यह पद फरवरी के पहले सप्ताह से तब से खाली पड़ा है, जब ऋषि कुमार शुक्ला ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उसके बाद से अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के रूप में प्रमुख जांच एजेंसी के मामलों को देख रहे हैं।

जायसवाल फिलहाल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक हैं

(Subodh Jaiswal, new head of CBI) महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (ISP) अधिकारी जायसवाल फिलहाल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक हैं। महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के दौरान वह मुंबई के पुलिस कमिश्नर (जून 2018 से फरवरी 2019 तक) भी रह चुके हैं। दोबारा केंद्र की ओर से प्रतिनियुक्ति पर बुलाए जाने से पहले वह महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रहे।

इंटेलिजेंस ब्यूरों और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में काम करने का लंबा अनुभव

जायसवाल को इंटेलिजेंस ब्यूरों और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में काम करने का लंबा अनुभव रहा है, खासकर रॉ में उन्होंने करीब एक दशक बिताया है, लेकिन मजे की बात ये है कि उनके पास सीबीआई में काम करने का अनुभव नहीं है।

महाराष्ट्र में बहुचर्चित तेलगी स्टांप घोटाले मामले को CBI को दिए जाने से पहले इसकी जांच सुबोध जायसवाल ही कर रहे थे। इसके बाद वह राज्य के रिजर्व पुलिस बल की अगुवाई करने लगे और फिर जायसवाल महाराष्ट्र के एंटी टेरिरिज्म स्क्वाड में शामिल हो गए। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान इस अनुभवी अधिकारी ने महाराष्ट्र के स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो का कार्यभार संभाला। जानकारी के मुताबिक उन्होंने आतंकी हमले के बाद अमेरिकी एजेंसियों के साथ काफी करीबी से काम किया है।

दो साल का होगा कार्यकाल

CBI चीफ की दौड़ में उत्तर प्रदेश के DGP एचसी अवस्थी, SSB के DG कुमार राजेश चंद्रा और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी आगे चल रहे थे, लेकिन आखिर में सुबोध कुमार जायसवाल का नाम फाइनल किया गया। वे दो साल तक इस पद पर रहेंगे। सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के DGP और ATS चीफ रह चुके हैं। अभी वह CISF के डायरेक्टर जनरल हैं। 58 साल के जायसवाल 2022 में रिटायर होंगे।

सीनियर IPS ऑफिसर सुबोध जायसवाल बेदाग छवि के अफसर

पुलिस सेवा में बेहतरीन काम के लिए उन्हें 2009 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा जा चुका है। जायसवाल को जासूसों का मास्टर भी कहा जाता है। उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी सेवाएं दी हैं। वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं। जायसवाल ने कई बड़े मामलों की जांच लीड की है।

मुंबई पुलिस में रहते हुए वह करोड़ों रुपए के जाली स्टंप पेपर घोटाले की जांच करने वाली स्पेशल टीम के चीफ थे। साल 2006 में हुए मालेगांव विस्फोट की जांच भी सुबोध कुमार जायसवाल ने ही की थी। वह प्रधानमंत्री, पूर्व PM और उनके परिवारों की सुरक्षा करने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम कर चुके हैं।

झारखंड के छोटे से गांव के रहने वाले जायसवाल तीन बार NDA के एग्जाम में फेल हुए थे

36 साल के कैरियर में चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके सुबोध कुमार ने एक कार्यक्रम में बताया था कि वे झारखंड के छोटे से गांव से हैं। ग्रेजुएशन और MBA करते हुए उन्होंने तीन बार नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का एग्जाम दिया, लेकिन तीनों बार नाकामयाब रहे। उन्होंने तब बताया था कि UPSC का एग्जाम क्लियर करने के बाद उन्हें पता नहीं था कि इसके बाद नौकरी कौन सी मिलनी है।

सीबीआई प्रमुख चुनने की ये होती है प्रक्रिया

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को सीबीआई के नए डायरेक्टर के चयन के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वी. एस. के. कौमुदी के नाम की सूची तैयार की थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा, समिति के दो अन्य सदस्य लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना भी उपस्थित थे। यह बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई थी।

90 मिनट तक चली बैठक

लगभग 90 मिनट तक चली बैठक में चौधरी ने अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जिस तरीके से चयन की प्रक्रिया अपनाई गई वह समिति के अधिदेश से मेल नहीं खाती है। सुबोध कुमार के डायरेक्टर बनने से पहले, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे थे।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com