Myanmar – अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की
और इस दौरान दोनों नेताओं ने म्यांमार के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह जानकारी दी।
प्राइस ने ब्लिंकन और जयशंकर के बीच हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए बताया कि
ब्लिंकन ने जयशंकर से बातचीत में भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की ताकत को दोहराया साथ ही म्यांमार (Myanmar) में हालात सहित साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की। Myanmar
फोन पर बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की।
प्राइस ने कहा, ”दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया।
दोनों पक्षों ने ‘क्वाड’ के जरिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने तथा कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की उम्मीद जताई।”
अमेरिकी विदेश मंत्री की जयशंकर के साथ यह दूसरी बार फोन पर बातचीत हुई है।
इससे पहले दोनों नेताओं ने 29 जनवरी को बातचीत की थी।
भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय की भूमिका का अमेरिका स्वागत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि
वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा,
‘भारत, हिंद- प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम साझेदार है।
हम भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करते हैं।’
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की थी
और दोनों नेताओं ने म्यांमार के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की
ब्लिंकन ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की।
दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया।
प्राइस ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘क्वाड’ के जरिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने तथा कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की उम्मीद जताई।
भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका की पैनी नजर
वहीं भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है
और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की है।
प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं
और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा,
‘हम पड़ोसियों को डराने धमकाने के चीन के लगातार जारी रवैये से चिंतित हैं।
हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मामले में साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।’