डेस्क न्यूज – इमरजेंसी : जापान के प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा ने सोमवार को घोषणा की कि सरकार नए साल की छुट्टी के दौरान
कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि के बाद राजधानी टोक्यो और
तीन पड़ोसी प्रांतों में आपातकाल घोषित करने पर विचार कर रही है।
सुगा ने कहा कि सरकार समय सीमा से पहले यानी मार्च तक स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोरोना टीकाकरण शुरू करना चाहती है।
सरकार ने स्थानीय प्रशासन से यह कदम उठाने का आग्रह किया
उन्होंने कहा कि टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके और चिबा,
कनागावा और साइतामा के अधिकारियों ने सरकार से शनिवार को आपातकाल की स्थिति घोषित करने का आग्रह किया है।
राजधानी में पहली बार एक ही दिन में कोरोना वायरस के 1300 से अधिक नए मामले सामने आए हैं।
क्योदो समाचार एजेंसी के अनुसार, सरकार ने स्थानीय प्रशासन से यह कदम उठाने का आग्रह किया है।
नए मामलों में कमी के कारण इसे चरणों में हटा दिया गया था।
जापानी कानून की आवश्यकता है कि व्यापार के संचालन पर प्रतिबंध को केंद्रीय अधिकारियों के बजाय स्थानीय प्रशासन द्वारा अपील की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जापान में संक्रमण की पहली लहर के दौरान अप्रैल 2020 की शुरुआत में टोक्यो और
अन्य छह प्रांतों में आपातकाल की स्थिति घोषित की गई थी और इसे एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था।
नए मामलों में कमी के कारण इसे चरणों में हटा दिया गया था।
जानिए जापानी पीएम के बारे में
योशोहिदे सुगा एक आम किसान के बेटे हैं, उनके पिता स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे।
अपने गृहनगर में हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे तोक्यो आ गए।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपना खर्च चलाने के लिए उन्हें कभी कार्डबोर्ड फैक्ट्री में नौकरी करनी पड़ी तो कभी फिश मार्केट में भी काम करना पड़ा।
दरअसल, सुगा काम के साथ ही यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे, यहां नौकरी कर उन्हें खर्चा चलाने में मदद मिल जाती थी।
ग्रैजुएशन करने के बाद सुगा जापान के कॉरपोरेट वर्ल्ड में शामिल हो गए और अच्छी तनख्वाह पर नौकरी करने लगे लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा और वे राजनीति में चले आए।
लंबे समय तक साथ रहे आबे और सुगा का जीवन एकदम अलग रहा।
आबे के पिता जहां जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं तो वहीं सुगा एक आम जापानी परिवार से थे।