तिहाड़ जेल के कुछ अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट की गाज

यूनिटेक के पूर्व प्रोमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को अनुचित सहयोग किया, उन्हें सस्पेंड किया जाए और आपराधिक मामले में जांच की जाए।
तिहाड़ जेल के कुछ अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट की गाज

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रोमोटरों चंद्रा ब्रदर्स को जेल में अवैध सहयोग करने और अनुचित सहायता प्रदान करने वाले आरोपी जेल अधिकरियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उक्त अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगवाई वाली बेंच ने निर्देश दिया है कि जिन जेल अधिकारियों ने यूनिटेक के पूर्व प्रोमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को अनुचित सहयोग किया, उन्हें सस्पेंड किया जाए और आपराधिक मामले में जांच की जाए।

दोनों चंद्रा बंधुओं के ईडी की रिपोर्ट के बाद पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल से महाराष्ट्र के अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से कहा था कि वह तिहाड़ जेल के अधिकारियों के रोल की जांच करें।

ऐसे में जांच लंबित रहने के दौरान उन्हें निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज किया जाए।

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जब चंद्रा बंधु तिहाड़ जेल में थे, तो वह वहां से अंदर रहकर ही अपनी गतिविधियां और कारोबार चला रहे थे और इस काम में जेल के कुछ अधिकारी उनकी मदद कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली पुलिस की ओर से रिपोर्ट पेश कर दी गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।

जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि रिपोर्ट देखने से पहली नजर में लगता है कि यूनिटेक के पूर्व प्रोमोटरों अजय और संजय चंद्रा जब जेल में बंद थे तब कुछ तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उन्हें अनुचित सहायता प्रदान करते हुए मदद दी थी। ऐसे में जांच लंबित रहने के दौरान उन्हें निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की ओर से इस मामले में विस्तार से रिपोर्ट पेश की गई। सुप्रीम कोर्ट ने जेल मैनेजमेंट को मजबूत करने के लिए और उसके लिए उपाय के बारे में गृह मंत्रालय से भी सुझाव देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय से दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर सुझाव मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।

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