डेस्क न्यूज – कोरोना से जूझ रहे गुरुग्राम में अब टिड्डी दल पर हमला किया गया है। गुरुग्राम में भीमगढ़ खीरी, राजेंद्र पार्क, सूरत नगर, लक्ष्मण विहार, दौलतबाग फ्लाईओवर पर टिड्डियां मंडराती हैं। घास काटने वाली पार्टियों को फसलों पर मंडराते देख, किसान परेशान हैं और उन्हें मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, टिड्डी दल भी फरीदाबाद पहुंच गया है। टिड्डी दल शनिवार को शहरी क्षेत्रों में पहुंच गए हैं। किसान पटाखे, टिन के डिब्बे और धुएं का उपयोग करके टिड्डियों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं। टिड्डियों के लगातार हमलों से किसान परेशान हैं।
जिला प्रशासन ने टिड्डी दलों के हमले के बारे में कोई सलाह जारी नहीं की है। वहीं, दिल्ली में टिड्डियों के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय ने एक आपात बैठक बुलाई है। बैठक में विकास सचिव, संभागीय आयुक्त, निदेशक कृषि, डीएम दक्षिणी दिल्ली, डीएम पश्चिम दिल्ली उपस्थित हैं। बैठक के बाद सरकार एडवाइजरी जारी करेगी। जानकारी के अनुसार, टिड्डियों का एक बड़ा टिड्डा धीरे-धीरे पलवल की ओर बढ़ रहा है, लेकिन एक छोटी टुकड़ी जसोला और भाटी की ओर बढ़ गई है। वन विभाग का पूरा क्षेत्र है। इसे देखते हुए उन इलाकों में ढोल, नगाड़े और डीजे बजाने के निर्देश दिए गए हैं। ये वे विधियाँ हैं जिनके द्वारा टिड्डे चलते हैं, साथ ही साथ वहाँ रासायनिक छिड़काव के निर्देश हैं।
इसके अलावा, दक्षिण पश्चिम और दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है और उन्हें तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। सरकार इस मामले में एडवाइजरी भी जारी करेगी, साथ ही हवाओं का रुख दक्षिण दिल्ली की ओर अधिक होगा। यदि हवा बदलती है, तो टिड्डियां दिल्ली की ओर आ सकती हैं, इसलिए हर पहलू पर नजर रखी जा रही है।
इस दौरान लोगों ने थाली-बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की। अजमेर रोड पर बगरू इलाके में गांव अनोपपुरा, झुंड, रोटवाड़ा के आसपास शुक्रवार अलसुबह टिड्डियों के दल ने हमला किया। यहां बाजरे की फसल को चट कर दिया। इससे पहले गुरुवार को जिले के फुलेरा, बगरू, दूदू, बिचून, फागी, रतनपुरा, किशनगढ़-रेनवाल, हिरनोद और जोबनेर में टिड्डियों का दल देखा गया था।
इस दौरान बड़ी संख्या में टिड्डी दल खेतों और पेड़ों पर जा बैठा। जिसने कुछ ही मिनटों में फसल चट कर दी। गांव अनोपपुरा में रहने वाले राजेंद्र कुमार बागड़ा ने बताया कि उनके यहां टिड्डियों के हमला करने पर किसान परिवारों ने लगातार थाली-बर्तन बजाकर फसल बचाने की कोशिश करते रहे।
एक तरफ बरसात होने के बाद किसानों में फसल बुआई को लेकर खुशी थी। वहीं दूसरी तरफ टिड्डियों के हमले से किसान अब चिंता में हैं।
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