अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान का भारत-पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान, जानिए क्या कहा ?

अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग लेकर पीओके लौटे लश्कर जैश के आतंकियों के बीच तालिबान का बड़ा बयान आया है। तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई ने भारत पाकिस्तान के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है।
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान का भारत-पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान, जानिए क्या कहा ?
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अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग लेकर पीओके लौटे लश्कर जैश के आतंकियों के बीच तालिबान का बड़ा बयान आया है। तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। स्टैनिकजई ने कहा कि भारत पाकिस्तान को अपने आंतरिक मामलों में अफगानिस्तान का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

स्टैनिकजई का बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उन्हें जल्द ही विदेश मंत्रालय की कमान मिलने जा रही है। स्टैनिकजई ने कहा कि तालिबान अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है।

हाल ही में तालिबान की मदद के लिए अफगानिस्तान गए सैकड़ों आतंकी पाकिस्तान आते देखे गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाक ISI की मदद से अफगानिस्तान गए लश्कर जैश के आतंकी अब POK में मुज्जफराबाद के नज़दीक चेलाबन्दी में देखे जा रहे हैं। इन जैश लश्कर के आतंकियों की संख्या काफ़ी ज्यादा बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि पीओके के जिन टेरर कैम्प में लश्कर जैश के आतंकियों की ज्यादा मूवमेंट देखी जा रही है, उनमें बोई, मुज्जफराबाद, कोटली, बरनाला,लाका ए गैर, शेरपाई, देवलीन, खालिद बिन वालिद, गरही दुपट्टा, कैम्प्स शामिल हैं।

 हम अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं – तालिबान

स्टैनिकजई ने कहा कि 'मीडिया में जो कुछ खबरें आती हैं, वह गलत होती हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने कभी ऐसा बयान नहीं दिया ना ही हमारी तरफ से ऐसा कोई संकेत किया गया है। हम अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं।'

स्टैनिकजई ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि वे (पाक) अफगानिस्तान को अपने आंतरिक मामले में इस्तेमाल नहीं करेंगे। उनके बीच एक लंबी सीमा है। दोनों देश अपनी सीमा पर लड़ सकते हैं। लेकिन, उन्हें इसके लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए हम किसी भी देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल इसके लिए नहीं करने देंगे।'

यूएनएससी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हैरतअंगेज यू-टर्न लिया है

यूएनएससी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हैरतअंगेज यू-टर्न लिया है। इस संस्था ने अफगानिस्तान पर दो दशकों बाद आए तालिबान राज पर यूएनएससी के फिलहाल अध्यक्ष भारत के बयान को ही बदल दिया है। दूसरे शब्दों में कहें तो आतंकवाद पर किसी तरह का समर्थन नहीं करने को लेकर भारत ने तालिबान का जिक्र किया था।

यह अलग बात है कि यूएनएससी ने अपना नजरिया बदलते हुए बयान से तालिबान का नाम ही हटा दिया। यूएनएससी के नजरिये में आए इस नाटकीय बदलाव का जिक्र संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने अपनी ट्वीट में किया है।

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