अफगानिस्तान के विदेश मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में पढ़े शेर मोहम्मद अब्बास स्टानीकजई ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया है। शेरू के नाम से चर्चित शेर मोहम्मद ने कहा कि तालिबान भारत और पाकिस्तान में से किसी का पक्ष नहीं लेगा।
उन्होंने कहा कि तालिबान भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाना चाहता है। शेर मोहम्मद ने कहा कि तालिबान लश्कर या जैश आतंकियों को अफगान जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे।
सीएनएन न्यूज 18 को दिए साक्षात्कार में शेर मोहम्मद ने भारत के साथ संबंधों पर कहा, 'हमारी विदेश नीति सभी पड़ोसी देशों और दुनिया के साथ अच्छे रिश्ते बनाना है। हम अमेरिका और नाटो के साथ भी बढ़िया संबंध बनाना चाहते हैं। हम भारत के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते बरकरार रखना चाहते हैं।'
यह पूछे जाने पर कि तालिबान पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण व्यवहार करेगा, ऐसी लोगों में आशंका है, इस पर शेर मोहम्मद ने कहा, 'जो मीडिया में आता है,
वह अक्सर गलत होता है। हमारी तरफ से ऐसा कोई बयान या संकेत नहीं आया है। हम अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं।'
अफगानिस्तान के लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकियों का गढ़ बनने के सवाल पर शेर मोहम्मद ने दावा किया, 'हमारे पूरे इतिहास में अफगानिस्तान से भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश को कोई खतरा नहीं रहा है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से राजनीतिक और भौगोलिक विवाद रहा है।
हमें आशा है कि भारत और पाकिस्तान अपनी आपसी लड़ाई में अफगानिस्तान का इस्तेमाल नहीं करेंगे। भारत-पाकिस्तान की आपस में लगती सीमा है, दोनों देश अपनी लड़ाई वहां लड़ सकते हैं। उन्हें अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और हम किसी देश को ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।'
लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद को अफगान जमीन नहीं इस्तेमाल करने देने पर उन्होंने कहा, 'यह हमारी ड्यूटी है। हम अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी को भी दुनिया के किसी देश के खिलाफ नहीं करने देंगे।' भारत में प्रशिक्षण से जुड़ी यादों पर शेरू ने कहा, 'मैं अपने युवावस्था में वहां गया था जब रूसी सेना अफगानिस्तान आई थी। मुझे आईएमए में प्रशिक्षण दिया गया था और वहां से स्नातक किया था। अब मेरा भारत में किसी के साथ कोई संपर्क नहीं है।'
अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों को निकाले जाने के लिए मदद के सवाल पर शेरू ने कहा कि उन्हें देश को छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है। अफगानिस्तान हिंदुओं और सिखों का घर है और उनका देश है। ये लोग शांतिपूर्ण तरीके से रह सकते हैं। हम आशा करते हैं कि जो हिंदू और सिख लोग अफगानिस्तान छोड़कर गए हैं, वे वापस आएंगे।