निजी और सरकारी कंपनियों ने अब कोविड -19 के इलाज में मदद के लिए सकारात्मक पहल की है। टाटा स्टील, सेल और आर्सेलर मित्तल निप्पोन स्टील इंडिया ने कोविड के इलाज के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है। यह आपूर्ति राज्य सरकारों और अस्पतालों को दी जा रही है। कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यानी LMO बेहद आवश्यक है।
स्टील कंपनी टाटा स्टील ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में
कहा कि राष्ट्र की जरूरत को देखते हुए हमने ऑक्सीजन की आपूर्ति
की है। कंपनी ने कहा कि हम प्रतिदिन 200-300 टन तरल चिकित्सा
ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। यह आपूर्ति विभिन्न राज्य सरकारों
और अस्पतालों में की जा रही है। कंपनी ने कहा कि हम इस लड़ाई में एकजुट हैं और निश्चित रूप से इसमें जीत हासिल करेंगे।
देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया सेल ने अब तक 33 हजार टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।
कंपनी ने कहा है कि इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल कोरोना से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए किया गया है।
सेल ने कहा कि इस ऑक्सीजन की सप्लाई बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडिशा), दुर्गापुर और बर्नपुर
(पश्चिम बंगाल) के इस्पात संयंत्रों से की गई है।
आर्सेलर मित्तल निप्पोन स्टील इंडिया (एएमएनएस इंडिया) ने कहा है कि वह रोजाना 200 टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है। यह ऑक्सीजन गुजरात की स्वास्थ्य एजेंसियों को दी जा रही है। एएमएनएस इंडिया के सीईओ दिलीप ओम्मान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हम अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में सभी एजेंसियों के साथ खड़े हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने महाराष्ट्र को 100 टन ऑक्सीजन मुफ्त देने का वादा किया है, जो कोविड के साथ बुरी तरह से जूझ रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर में 60 टन ऑक्सीजन भेजी गई है। यह ऑक्सीजन रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी से भेजा जा रहा है। जामनगर रिफाइनरी से अन्य राज्यों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
कोरोना के रोगियों की बढ़ती मांग और देश भर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर कहा कि तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर पूरे देश में ट्रेनों द्वारा वितरित किए जाएंगे। जल्द ही ये ट्रेनें चलेंगी। तेजी से आपूर्ति के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे।