मानसून के जाने के बाद राजस्थान समेत उत्तर भारत के राज्यों का मौसम बदलने लगा है। जम्मू-कश्मीर में दो दिन पहले हुई सीजन की पहली बर्फबारी से मैदानी इलाकों में तापमान में हलचल मच गयी है. राजस्थान में चुरू, सीकर, पिलानी, अलवर, जयपुर, जोधपुर समेत कई शहरों में रात का तापमान 2-8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ (WD) का असर जिस तरह से उत्तरी भारत के इलाकों में दिखा है और अगर आने वाले समय में भी ऐसा ही WD आता रहा तो इस बार राजस्थान में जल्द ही सर्दी आ सकती है.
जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि तीन दिन पहले उत्तरी भारत में डब्ल्यूडी के प्रभाव से श्रीनगर, काजीगुंड, कटरा समेत निचली पहाड़ियों और घाटी में हल्की बारिश हुई थी. वहीं गुलमर्ग, गुरेज और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई. WD के कारण, हवा के पैटर्न में परिवर्तन हुआ और उत्तरी हवा की गति मैदानी इलाकों की ओर हुई, जिससे राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में तापमान में गिरावट आई।
शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में भी पश्चिमी राजस्थान के साथ-साथ उत्तरी भारत के इलाकों में भी WD आ सकता है, जिससे बारिश की गतिविधियां होंगी और तापमान में गिरावट आ सकती है. उन्होंने बताया कि दिसंबर-जनवरी में सर्दी कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन अगर डब्ल्यूडी इसी तरह आती रहे तो सर्दी समय से पहले आ सकती है।
राजस्थान के जिलेवार तापमान पर नजर डालें तो भीलवाड़ा, अलवर, जयपुर, सीकर, कोटा, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, जोधपुर, बूंदी, चुरू, नागौर समेत कई जिलों में पारा 2-8 डिग्री नीचे आ गया है. सबसे ज्यादा गिरावट दिल्ली से सटे अलवर जिले में हुई। कल यहां का न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस था, जो आज गिरकर 16.5 डिग्री पर आ गया। सीकर जिले में बीती रात सबसे कम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जयपुर मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, अलवर, दौस, धौलपुर, करौली, कोटा, बूंदी जिलों में 17 अक्टूबर को मौसम में बदलाव देखा जा सकता है. बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इससे 17 अक्टूबर, 18 अक्टूबर के आसपास कुछ स्थानों पर बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है।