राजधानी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ 10 साल से ज्यादा समय से भारत में रह रहा था. शुरुआती पूछताछ में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अशरफ से पूछताछ कर जानकारी जुटाने में लगी हुई है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पाकिस्तानी नागरिक अशरफ ने अब तक किन-किन आतंकवादियों को अंजाम दिया है, इसकी जांच हो रही है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह भारत में रहकर किन लोगों से मदद ले रहा था। अब तक की पूछताछ से पता चला है कि इसने आतंकवाद से जुड़ी कई तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है। वह स्लीपर सेल से लेकर आतंकी वारदातों में सक्रिय भूमिका तक निभा चुका है.
खुलासा नंबर 1
साल 2009 में जम्मू के बस स्टैंड पर धमाका हुआ था. इस हमले में 3-4 लोगों की मौत हो गई थी. यह हमला उसने आईएसआई अधिकारी नासिर के कहने पर किया था।
खुलासा नंबर 2
आतंकी अशरफ ने बताया कि उसने साल 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट की रेकी की थी। धमाका करने के लिए दो पाकिस्तानी आए थे, जिनमें से एक का नाम गुलाम सरवर था।
खुलासा नंबर 3
अशरफ ने जम्मू-कश्मीर में सेना के 5 जवानों की नृशंस हत्या करने की बात कबूल की है। पुलिस इसकी पुष्टि कर रही है।
खुलासा नंबर 4
ISI अधिकारी नासिर के कहने पर वह कई बार हथियार सप्लाई करने जम्मू-कश्मीर जा चुका था.
खुलासा नंबर 5
आईएसआई अधिकारी से बात हमेशा ईमेल के जरिए होती थी। ईमेल के ड्राफ्ट में मेसेज छोड़ा जाता था.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मोहम्मद अशरफ का कच्चा चिट्ठा खोला. उन्होंने अशरफ को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है. उसने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह 10 साल से ज्यादा समय से भारत में रहकर आतंकियों की स्लिपर सेल का काम कर रहा था.
उन्होंने बताया, 'अशरफ एक दशक से भी ज्यादा समय से दिल्ली में रह रहा था। वह यहां एक भारतीय के रूप में रह रहा था। उसने अहमद नूरी के फर्जी नाम से कई तरह के पहचान पत्र बनाए हैं। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आतंकी ने कबूल किया है कि वह पहले भी जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य इलाकों में कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है.