केंद्र सरकार के Central Vista Project पर आज दिल्ली हाई कोर्ट सुनाएगा अहम फैसला

पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि Central Vista Project पर काम करने के दौरान सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के Central Vista Project पर आज दिल्ली हाई कोर्ट सुनाएगा अहम फैसला

डेस्क न्यूज़: Central Vista Project पर काम जारी रहेगा या प्रतिबंधित लगेगा, आज यानि सोमवार को यह साफ़ हो जाएगा। आज इस पर दिल्ली हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। केंद्र सरकार की 20 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ याचिका दायर कर कहा गया है कि कोरोना काल में इस तरह की परियोजनाओं पर रोक लगाई जाए। विपक्षी दल भी मुखर हैं। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम करते हुए सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।

4 लाख करोड़ से ज्यादा बढ़ गई 470 परियोजनाओं की लागत

अनुमानित अनुमान के मुताबिक देश में 470 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की लागत 4.38 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की देखरेख करता है। ऐसी कुल 1,737 परियोजनाओं में से 470 में लागत बढ़ गई है और 557 परियोजनाओं में देरी हो रही है।

कुल 1,737 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 22,33,409.53 करोड़ रुपये

अप्रैल, 2021 की मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इन कुल 1,737 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 22,33,409.53 करोड़ रुपये थी। अब इन्हें पूरा करने की कुल संभावित लागत 26,71,440.77 करोड़ रुपए पहुंच गई है। इससे इन परियोजनाओं की कुल लागत 4,38,031.24 करोड़ रुपये बढ़ गई। यह वास्तविक अनुमान से 19.61 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 तक इन परियोजनाओं पर खर्च 13,16,032.62 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो कि तय लागत का 49.26 फीसदी है।

दिल्ली में आज से शुरू हुआ अनलॉक

देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार कमजोर होती जा रही है। यही वजह है कि राज्यों ने अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश के तीन बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
राजधानी में सोमवार से औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण स्थलों को खोल दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में काम करने वालों को ई-पास लेकर जाना होगा। इसे कामगार खुद या कंपनी के प्रबंधतंत्र के जरिये जारी करा सकेंगे।

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