32 देशों के 239 वैज्ञानिकों का निष्कर्ष, हवा से फैलता है कोरोनावायरस

डॉ. अनिल जैन ने कहा कि बाजार में कुछ कंपनियों का दावा कर रही है कि चहरे को धोकर फिर से पहना जा सकता है, ऐसा दावा सरासर गलत है
32 देशों के 239 वैज्ञानिकों का निष्कर्ष, हवा से फैलता है कोरोनावायरस

डेस्क न्यूज़- दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल के सुप्रसिद्ध चिकित्सक एम वली और अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन का मानना ​​है कि कोरोना काल में एक ही पहलू को दोबारा लगाने का मतलब आत्महत्या करना हैअब जब कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, तब मुंह और नाक को ढकना जरूरी हो गया है, 6 जुलाई को ही 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों का निष्कर्ष सामने आया है।

निष्कर्ष में क्या कहा गया है

इस निष्कर्ष में कहा गया है कि कोरोना का वायरस हवा से भी फैलता है। वातावरण में वायरस के छोटे छोटे कण होते हैं जो हवा से नाक और मुंह के माध्यम से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखा पत्र

वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखित पत्र में कहा है कि इस निष्कर्ष के बाद संगठन को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए। मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ ने हवा से वायरस के फैलने से इंकार कर दिया था, डॉ. वली और जैन ने कहा कि अब जब हवा से वायरस फैलने की बात सामने आई है तब मुंह पर चेहरे का महत्व और बढ़ गया है, डॉ. वली ने कहा कि कई लोग अपना थूक और नाक से निकले तरल पदार्थ में सने होने के बाद भी संकाय का उपयोग करते रहते हैं, यह प्रवृत्ति आत्महत्या करने जैसी है।

एक बार उपयोग के बाद नहीं पहने मास्क

एक बार उपयोग के बाद संकाय को दोबारा नहीं पहनना चाहिए, वहीं डॉ. अनिल जैन ने कहा कि बाजार में कुछ कंपनियों का दावा कर रही है कि चहरे को धोकर फिर से पहना जा सकता है, ऐसा दावा सरासर गलत है, एन 95 फंक्शन का उपयोग भी 8 घंटे से ज्यादा नहीं किया जा सकता है।

वायरस के फैलने के जरूरी उपाय 

अब जब हवा से भी वायरस के फैलने की बात सामने आ रही है, तब लोगों को अपने कपड़े भी रोजाना बदलने चाहिए, कुछ लोग पेंट शर्ट को तीन चार दिन तक इस्तेमाल करते हैं, यह प्रवृत्ति भी जानलेवा साबित हो सकती है, जूते घर के बाहर ही उतारे और घर में प्रवेश के समय स्नान जरूर किया जाए।

यह सही है कि स्वभाव व्यक्ति ठीक भी हो रहा है, लेकिन इन दिनों संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लोगों को इस तरह की परिस्थितियों को गंभीरता से लेना चाहिए। एक बार उपयोग के बाद संकायों को कचरे में फेकना चाहिए, डॉ. जैन ने कहा कि बुजुर्ग व्यक्तियों को तो किसी भी स्थिति में घर से नहीं निकलना चाहिए।

मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है

6 जुलाई को देश में कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा तीन हजार के पार हो गया है। जबकि मूल्यांकन में अब तक 461 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

इसी देश में संभावित व्यक्ति 7 लाख के पार हो गया है, यही कारण है कि भारत अब दुनिया में तीसरे नम्बर पर आ गया है, ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं, अब जब सरकार ने हर क्षेत्र में राहत दे दी है, तब लोगों को ही जागरुकता और शुद्धता दिखानी होगी।

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