अब महिलाएं लेंगी लड़ाकू पायलट्स की ट्रेनिंग, 22 जुलाई को उड़ान ड्यूटी में होंगी शामिल

मालूम हो कि महिला अधिकारियों को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे द्वारा सेना की विमानन शाखा का चयन करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद पहली बार यह घटनाक्रम सामने आया है।
अब महिलाएं लेंगी लड़ाकू पायलट्स की ट्रेनिंग, 22 जुलाई को उड़ान ड्यूटी में होंगी शामिल

भारत की बेटी अब जमीन से आसमान की उड़ान तय करेगी गौरतलब है की पहले पहले महिलाओ को जमीनी और ऑफिसियल वर्क ज्यादा दिया जाता था लेकिन अब आसमान की उड़ान भरने का समय आ गया है। भारतीय सेना ने आर्मी एविएशन कोर में पहली बार दो महिला अधिकारियों को नासिक स्थित कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। मालूम हो कि अब तक महिला अधिकारियों को सिर्फ जमीनी काम सौंपा जाता था।

साथ ही सेना ने बताया कि 15 अधिकारियों ने स्वेच्छा से सेना के उड्डयन में शामिल होने के लिए इच्छा जताई थी, लेकिन केवल दो अधिकारी ही पायलट एप्टीच्यूड बैटरी टेस्ट और मेडिकल सहित कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद जगह बना सके। नासिक में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद महिला अधिकारियों को 22 जुलाई तक उड़ान ड्यूटी में शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि महिला अधिकारियों को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे द्वारा सेना की विमानन शाखा का चयन करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद पहली बार यह घटनाक्रम सामने आया है।

भारतीय नौसेना में महिला अधिकारी पहले से ही हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं।

बताया जाता है कि दोनों महिला अधिकारियों को हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए चयनित किया गया है। इससे पहले आर्मी एविएशन कॉप्र्स में अब तक केवल पुरुष अधिकारियों को ही शामिल किया जाता रहा है। हालांकि, वायुसेना और भारतीय नौसेना में महिला अधिकारी पहले से ही हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं।

यह सियाचिन ग्लेशियर सहित ऊंचाईवाले क्षेत्रों में सेना की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मालूम हो कि पायलटों को कड़ी चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। बताया जाता है कि दोनों महिला अधिकारियों को नासिक प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षण पूरी करने के बाद फ्रंट-लाइन फ्लाइंग ड्यूटी में शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि नासिक में कुल 47 सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण सोमवार से शुरू किया। इनमें दोनों महिला अधिकारी भी शामिल हैं। आर्मी एविएशन कोर को नवंबर 1986 में स्थापित किया गया था. इसमें धु्रव, चेतक, चीता और चीतल हेलीकॉप्टर हैं। यह सियाचिन ग्लेशियर सहित ऊंचाईवाले क्षेत्रों में सेना की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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