रीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड नरेगा में जूनियर इंजीनियर आगरा से गिरफ्तार, 40 लाख में खरीदा था पेपर, पूरा खेल पश्चिमी राजस्थान से जुड़ा है

रीट पेपर लीक मामले में पुलिस ने सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हीं में से एक आरोपी पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। मास्टरमाइंड पृथ्वीराज को आगरा से गिरफ्तार किया गया है। पृथ्वीराज नरेगा में जूनियर इंजीनियर हैं। पृथ्वीराज ने रीट पेपर 40 लाख में खरीदा। फिर पेपर को दूसरे आरोपी बत्तीलाल को 5 से 10 लाख में बेच दिया। मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
रीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड नरेगा में जूनियर इंजीनियर आगरा से गिरफ्तार, 40 लाख में खरीदा था पेपर, पूरा खेल पश्चिमी राजस्थान से जुड़ा है

रीट पेपर लीक मामले में पुलिस ने सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हीं में से एक आरोपी पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। मास्टरमाइंड पृथ्वीराज को आगरा से गिरफ्तार किया गया है। पृथ्वीराज नरेगा में जूनियर इंजीनियर हैं। पृथ्वीराज ने रीट पेपर 40 लाख में खरीदा। फिर पेपर को दूसरे आरोपी बत्तीलाल को 5 से 10 लाख में बेच दिया। मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पृथ्वीराज ने रीट पेपर 40 लाख में खरीदा

जयपुर की एसओजी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बत्तीलाल ने इन पेपर का अभ्यर्थियों से 12-12 लाख में सौदा किया था। इस पूरे प्रकरण के तार जालौर-बाड़मेर से भी जुड़े हुए हैं। परीक्षा से पहले भी कुछ अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाये गये थे। मामला सामने आने के बाद से फरार चल रहे बत्तीलाल के राजनीतिक संबंध सामने आ गए थे।

एसओजी टीम ने उत्तराखंड के केदारनाथ से बत्तीलाल और उसके साथी शिवा चकेरी को गिरफ्तार किया है। एसओजी को एक और कामयाबी मिली, जिसमें सवाई माधोपुर पुलिस की मदद से गिरोह में शामिल तीन आरोपियों को सोमवार को आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें पृथ्वीराज मीणा, रवि पागड़ी और रवि मीणा उर्फ​रवि जीनापुर शामिल हैं। इस मामले में पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी बत्तीलाल मीणा की गिरफ्तारी मानी जा रही है.

नरेगा में जूनियर इंजीनियर है पेपर उपलब्ध करवाने वाला मुख्य सरगना पृथ्वीराज

रीट परीक्षा के लिए पेपर देने वाला असली मास्टरमाइंड पृथ्वीराज मीणा है। वह सवाई माधोपुर का रहने वाला है। वह नरेगा में जूनियर इंजीनियर हैं। उसकी पोस्टिंग उनियारा में अलीगढ़ पंचायत समिति में थी। अप्रैल में ही वह सवाईमाधोपुर में ट्रांसफर होकर आया था।

पृथ्वीराज मीणा ने करीब 10 साल तक पश्चिमी राजस्थान के एक जिले में काम किया था। इस बीच उसके संपर्क पेपर उपलब्ध करवाने गैंग के सदस्यों से हो गए। रीट भर्ती परीक्षा में भी पृथ्वीराज ने गिरोह से संपर्क करके पेपर खरीदा था। इसके बाद 5 से 10 लाख रुपये में बत्तीलाल को पेपर उपलब्ध कराएं। तब बत्तीलाल ने पृथ्वीराज द्वारा उपलब्ध कराए गए पेपर को सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर शहर में अपने परिचित को भेज दिया और उससे मोटी रकम वसूल कर ली.

पूर्व कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष के निजी स्कूल में सॉल्व करवाया गया था पेपर

दूसरा आरोपी रवि मीणा उर्फ रवि जीनापुर स्कूल संचालक है। वे वर्ष 2011-12 में सवाई माधोपुर के शासकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुका हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रवि के स्कूल में परीक्षा के दिन केंद्र नहीं आया था, लेकिन पृथ्वीराज और बत्तीलाल की मदद से रवि मीणा के स्कूल में रीट परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर हल हो गया था. इसके बाद ही गिरोह से मिलीभगत में शामिल अभ्यर्थियों को थोड़ी देरी से परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया.

बिजली विभाग में हेल्पर है आगरा से पकड़ा गया तीसरा आरोपी

आगरा से गिरफ्तार किया गया तीसरा आरोपी रवि पागड़ी है। वह सवाई माधोपुर में ही बिजली विभाग में हेल्पर हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी रवि गिरोह के मुख्य गैंगस्टर पृथ्वीराज मीणा और रवि मीणा उर्फ ​रवि जीनापुर के साथ मिलकर परीक्षा से पहले ग्राहक की तलाश कर रहा था। उनके साथ डील करके पेपर उपलब्ध कराने और हल करने में मदद करता है। पूरे प्रकरण में एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ इसकी निगरानी कर रहे हैं। इस गिरोह की धरपकड़ में सवाईमाधोपुर एसपी राजेश चौधरी की अहम भूमिका भी सामने आई है।

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