पुरे देश ने देखा मजदूरों का दर्द लेकिन बीजेपी ने नहीं,सोनिया गाँधी

देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही देशभर से प्रवासी मजदूरों का पलायन निरंतर जारी है। आजीविका की समस्या से जूझ रहे ये प्रवासी किसी तरह अपने गृह राज्य पहुंचना चाहते हैं
पुरे देश ने देखा मजदूरों का दर्द लेकिन बीजेपी ने नहीं,सोनिया गाँधी

न्यूज़- देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही देशभर से प्रवासी मजदूरों का पलायन निरंतर जारी है। आजीविका की समस्या से जूझ रहे ये प्रवासी किसी तरह अपने गृह राज्य पहुंचना चाहते हैं। कोरोना संकट में भूख-प्यास से जूझ रहे प्रवासियों को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा, भारत ने प्रवासियों का दर्द देखा है, लेकिन भाजपा ने नहीं।

सोनिया गांधी ने कहा कि देश एक भयानक मंजर को देख रहा है जहां कोविड-19 लॉकडाउन के बीच घर जाने के लिए प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलो मीटर का सफर नंगे पांव कर रहे हैं, इनमें से कई को पैदल चलना पड़ रहा है। बता दें कि अभी लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है जो 31 मई, 2020 को समाप्त होगा। बीजेपी के साथ-साथ मोदी सरकार को भी निशान पर लेते हुए सोनिया गांधी ने कहा, प्रवासियों का दर्द, उनका डर, उनकी सिसकी देश में सबने सुनी लेकिन शायद सरकार को यह सुनाई नहीं दी।

बता दें कि सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रवासी मजदूरों के लिए एक वीडिय संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार को निशान पर लिया है। सोनिया गांधी का यह मैसेज केंद्र सरकार के समक्ष गरीबों, प्रवासियों, छोटे व्यवसायों और मध्यम वर्ग के लोगों की आवाज़ उठाने में मदद करने के लिए कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए 'स्पीकअप' अभियान का एक हिस्सा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से कठिनाइयों का सामना करने के लिए अगले छह महीनों के लिए प्रत्येक गरीब परिवार को 7,500 रुपये प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों और गरीबों को तुरंत 10,000 रुपये दिए जाएं।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com