भारत में कोरोना से बिगड़ती स्थिति अन्य देशों के लिए भी खतरनाक है: यूनिसेफ

भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। इस बीच यूनिसेफ ने कहा है कि भारत में COVID-19 स्थिति हम सभी के लिए खतरे की घंटी है। वायरस से संबंधित मौतों, वायरस के उत्परिवर्तन और आपूर्ति में देरी के मामले में दुनिया भर में कदम उठाने चाहिए और मदद करनी चाहिए
New Delhi, April 15 (ANI): A healthcare worker takes a swab sample of a girl to test for COVID-19 at Moti Nagar Metro Station, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)
New Delhi, April 15 (ANI): A healthcare worker takes a swab sample of a girl to test for COVID-19 at Moti Nagar Metro Station, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)

भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। इस बीच यूनिसेफ ने कहा है कि भारत में COVID-19 स्थिति हम सभी के लिए खतरे की घंटी है। वायरस से संबंधित मौतों, वायरस के उत्परिवर्तन और आपूर्ति में देरी के मामले में दुनिया भर में कदम उठाने चाहिए और मदद करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के बच्चों की एजेंसी के प्रमुख ने ये बातें कही हैं।

ने कहा है कि भारत में COVID-19 स्थिति हम सभी के लिए खतरे की घंटी है

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने भारत में 20 लाख फेस शील्ड और

200,000 सर्जिकल मास्क के अतिरिक्त अन्य मदद की है।

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने मंगलवार को कहा, "भारत में

दुखद स्थिति हम सभी के लिए खतरे की घंटी है।"

उन्होंने कहा, "जब तक दुनिया कदम नहीं उठाती है और भारत की मदद नहीं करती है,

वायरस से संबंधित मौतों, वायरस के उत्परिवर्तन और आपूर्ति में देरी के मामले में क्षेत्र और

दुनिया भर में पुनर्मूल्यांकन होगा।" भारत COVID-19 की दूसरी लहर के बीच में है।

आज भी चार लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं।

4 हजार के करीब मरीजों की इस महामारी ने जान ले ली है।

भारत में दुनिया के 46 प्रतिशत संक्रमण के मामले और 25 प्रतिशत के करीब मौत के मामले हैं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में कोरोना के दो करोड़ 6 लाख से अधिक कोरोना केस हैं। अभी तक दो लाख 26 हजार से अधिक मरीजों की जान चली गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों में संक्रमणों में वृद्धि देखी जा रही है। भारत में दुनिया के 46 प्रतिशत संक्रमण के मामले और 25 प्रतिशत के करीब मौत के मामले हैं। एशिया की बात करें तो यहां 90 प्रतिशत से अधिक मामला और कोरोना से होने वाली मौत की संख्या अकेले भारत में है।

तबाही को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई और दृढ़ नेतृत्व की आवश्यक्ता है-यूनिसेफ

दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अदजेई ने एक बयान में कहा कि तबाही को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई और दृढ़ नेतृत्व की आवश्यक्ता है। लारिया-अदजेई ने कहा, "सरकारों को तबाही को रोकने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ करना चाहिए। सहायता भेजने वाले साझीदारों को तुरंत सहायती भेजनी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बिना किसी देरी के कदम उठाना चाहिए।"

यूनिसेफ ने कहा कि जो दृश्य हम दक्षिण एशिया में देख रहे हैं वह पहले की तुलना में विपरीत है।

लारिया-अडजाई ने कहा, "यह केवल एक नैतिक अनिवार्यता नहीं है। दक्षिण एशिया में घातक नया उछाल हम सभी को धमकाता है।  अगर इसे जल्द से जल्द नहीं रोका गया तो यह यह महामारी के खिलाफ कड़ी मेहनत से अर्जित वैश्विक लाभ को उल्टा करने की क्षमता रखता है। अगर जल्द से जल्द रोका नहीं गया है।" यूनिसेफ ने कहा कि जो दृश्य हम दक्षिण एशिया में देख रहे हैं वह पहले की तुलना में विपरीत है।

उन्होंने कहा, "मरीजों के परिवार के सदस्य मेडिकल ऑक्सीजन के लिए गुहार लगा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी भी थक चुके हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य प्रणाली तनावपूर्ण हो जाएगी। दक्षिण एशिया में टीकाकरण की धीमी रफ्तार भी चिंता का कारण है। इससे स्थिति और विकराल हो सकती है।"

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