संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से उनके बयान की कॉपी छीनने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतुन सेन आलोचना के घेरे में आ गए हैं. सदन में निलंबन प्रस्ताव पारित होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन को अभद्र आचरण के लिए संसद के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि गुरुवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान शांतनु ने
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनकर हवा में फेंक
दिया. वैष्णव उस समय उच्च सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए
भारतीयों की जासूसी की खबरों और मामले में विरोध के आरोपों पर बयान दे रहे थे।
दरअसल, दो बार स्थगित होने के बाद दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू
होते ही उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम लिया.
इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और कुछ विपक्षी दल पोडियम के पास आ गए
और हंगामा करते हुए नारेबाजी की. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने
केंद्रीय मंत्री के हाथ से बयान की कॉपी छीन ली और उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए.
ऐसी स्थिति में वैष्णव ने वक्तव्य की प्रति सदन के पटल पर रख दी।
उपसभापति हरिवंश ने हंगामा करने वाले सदस्यों से असंसदीय व्यवहार न करने की अपील की, लेकिन जब उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह असंसदीय परंपरा कृपया… जिस रिपोर्ट को हमलोग सुनना चाहते थे …उस पर बहस नहीं होने दे रहे हैं…यह कौन सी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।' हंगामे के बीच ही उपसभापति ने संसदीय समितियों की रिपोर्ट की प्रतियां सदन के पटल पर रखवाई। हंगामें के कारण यह विधायी कामकाज नहीं हो सकता था। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।