हिमाचल प्रदेश में Triple Talaq का पहला मामला सामने आया है। यहां तीन तलाक (Triple Talaq) बोलने के बाद पति ने महिला को घर से निकाल दिया।
वहीं, महिला की शिकायत पर पुलिस ने 2019 के अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है।
महिला का पति पेशे से वकील है।
महिला के दो बेटे बचे हैं और महिला मस्जिद में रहने को मजबूर है।
महिला शगुफ्ता खान शनिवार को मीडिया के सामने आई और कहा कि उसकी शादी 24 साल पहले हुई थी।
उसका आरोप है कि 19 दिसंबर, 2020 को उसके पति ने उसके साथ मारपीट की।
उक्त प्रकरण के बाद वह दिल्ली चली गई, जब वह घर वापस आई, तो उन्होंने घर के अंदर एक अन्य महिला को देखा।
मजबूरन मस्जिद में जीवन बिताना पड़ा महिला का कहना है कि वह अपने पति को घर से निकाले जाने के बाद मस्जिद में रह रही है।
उस दिन भी, उसके पति ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और उसे तलाक दे दिया और तलाक दे दिया।
महिला का आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद उसके पति ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।
उसने आरोप लगाया कि वह दहेज का हवाला देकर और शिक्षित न होने के कारण उसे परेशान करता था।
इन यातनाओं से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित थी।
वह कहती है कि वह समझौता नहीं करना चाहती है, लेकिन उक्त मामले में, न्याय की मांग करते हुए, वह अपने पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठा रही है।
महिला का आरोप है कि उसके घर लौटने पर, उसके पति ने उसके हाथ पर 20 हजार का अधिकार देते हुए तलाक का प्रमाणपत्र दिया। पति ने तलाक देकर दूसरी शादी कर ली है।
एक डॉक्टर के साथ मिलकर उसे मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया है एसपी शिमला मोहित चावला ने कहा कि महिला की शिकायत मिली है।
पुलिस ने इसके बाद मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस उक्त मामले की जांच में जुटी है।
अब मजबूरन मस्जिद में जीवन बिताना पड़ा महिला का कहना है कि वह अपने पति को घर से निकाले जाने के बाद मस्जिद में रह रही है।
उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। पति ने अपने बच्चों को भी उनसे दूर कर दिया है।
उसे समय-समय पर भटकना पड़ता है। ऐसे में उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने शिमला में एक डॉक्टर के साथ मिलकर उसे मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया।
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