भारतीय सहित विदेशी कर्मचारी दिसंबर तक नहीं जा पाएंगे अमेरिका

ट्रंप सरकार ने ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा जारी करने पर लगाई रोक,गूगल सीईओ पिचाई बाले, यह निराशाजनक निर्णय
भारतीय सहित विदेशी कर्मचारी दिसंबर तक नहीं जा पाएंगे अमेरिका

डेस्क न्यूज – भारतीय सहित विदेशियों को लेकर अमेरिका की ट्रंप सरकार ने वीजा के नियमों सख्त कर दिया है, तो वहीं गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रवासियों का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों ने अमेरिका को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की है और देश को तकनीकी तौर पर नई उंचाईयां भी दी है,

अमेरिकी सरकार के इस निर्णय से निराशा महसूस कर रहा हूं

पिचाई ने कहा कि गूगल ने वर्तमान में प्रवासी कर्मियों के कारण ही सफलता हासिल ​की है। मैं अमेरिकी सरकार के इस निर्णय से निराशा महसूस कर रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रवासियों को हर तरह से अवसर देने के लिए तैयार रहेंगे।

31 दिसंबर तक निलंबन जारी

अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने एच-1बी वीजा समेत दूसरे देशों के लोगों को जारी होने वाले नौकरियों से जुड़े कई वीजा को निलंबित रखने की समय सीमा बढ़ा दी है। व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर तक विदेशियों को ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा जारी नहीं होगा।

ट्रंप ने वीजा का गलत इस्तेमाल रोकने का निर्देश भी संबंधित विभाग को दिया

अगर कोई वीजा के नियमों का पालन नहीं करेगा तो अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है। इस​के लिए ट्रम्प ने एच-1बी वीजा का गलत इस्तेमाल रोकने का निर्देश भी संबंधित विभाग को दिया है। हालांकि फूड इंडस्ट्री, मेडिकल और कुछ अन्य क्षेत्रों के लिए वीजा को मंजूरी मिल सकती है। इस साल अप्रैल में एच-1 बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया 60 दिन के लिए निलंबित की गई थी।

महामारी के कारण अचानक बढ़ी बेरोजगारी

अन्य देशों से स्थानांतरित किए जाने वाले कर्मियों को जारी होने वाले एल-1 वीजा पर भी अमेरिकी सरकार ने रोक लगा दी है। अमेरिका में कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी अचानक बढ़ गई है। ऐसे में वहां की सरकार अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए यह कड़ा फैसला ले रही है। हालाकि यह प्रतिबंध अस्थाई ही है। अमेरिकी उच्चायोग की माने तो इस पर आगे निर्णय अमेरिका वीजा प्र​क्रिया में सुधार करने के बाद ही लिया जाएगा।

जानें क्या है एच-1बी वीजा

एच-1बी वीजा की बात करें तो यह नॉन इमिग्रेंट वीजा है। आपको बता दें कि अमरीका की ज्यादातर आईटी कंपनीज हर साल भारत और चाइना जैसे देशों से लाखों कर्मचारियों की नियुक्तियां इसी वीजा के तहत करती हैं।
नियमानुसार यदि किसी एच-1बी वीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ अनुबंध खत्म कर लिया है, तो वह वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिन के भीतर नई कंपनी में जॉब तलाशनी होगी, यही वजह है कि भारतीय आईटी के वर्कर्स इस 60 दिन की अवधि को बढ़ाकर 180 दिन करने की मांग कर रहे हैं। यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) की माने तो, एच-1बी वीजा से सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को ही होता है।

वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम को तुरंत बंद किया जाए: ट्रंप

ट्रम्प ने कहा है कि ऐसे वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम को तुरंत बंद किया जाना चाहिए। ऐसे में ट्रम्प मंगलवार को एच-1 बी वीजा के साथ ही एच-4, एच-2बी, जे और एल वीजा जारी करने पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। अमेरिकी सरकार का कहना है कि वीजा से जुड़ी नई सख्तियों से साल के अंत तक 5.25 लाख नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। अमेरिका में संक्रमण फैलने से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं।

भारत पर सीधे तौर पर पड़ेगा प्रभाव

अमेरिकी सांसदों का कहना है कि इन दिनों बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि बाहरी कर्मचारियों को वीजा देना मुश्किल हो गया है। एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के सस्पेंड होने का प्रभाव सीधे तौर पर भारतीयों पर ही पड़ेगा। हालाकि एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासियों के काम आता है। वहीं खास बात यह है कि अमेरिका में हर साल 10 लाख लोग काम के सिलसिले में अन्य देशों से आते हैं।

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