डेस्क न्यूज़: कोरोना वायरस ने पूरे देश को शमशान बना दिया है। लेकिन देश के कुछ राज्यों से हाल फिलहाल कोरोना मामलों में कमी की खबर आ रही है। राजस्थान में बीते 5 दिनों से लगातार कोरोना केसों की संख्या में कमी आ रही है, जो प्रदेश के लिए थोड़ी राहत की खबर है, लेकिन आपको अगर पता चले की इसके पीछे प्रमुख कारण सैंपलिंग की संख्या का कम होना है। राज्य में 4 मई को सबसे ज्यादा 99,418 लोगों के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई थी, तब इनमें से 16,974 कोरोना पॉजिटिव निकले थे, लेकिन एक सप्ताह बाद 11 मई तक सैंपलिंग घटकर 84 हजार से कम हो गई और पॉजिटिव केसों की संख्या भी 16080 पर आ गई।
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल के दूसरे सप्ताह में दावा किया था – राज्य में परीक्षण क्षमता बढ़ाई जा रही है और मई तक हम हर दिन 1 लाख से अधिक नमूनों की जांच कर सकेंगे। मई में केवल तीन दिनों में 4, 5 और 6 मई को, जब नमूने का परीक्षण 90 हजार या उससे अधिक किया गया था, उसके बाद नमूना लगातार घट रहा है। कम नमूने लेने के कारण, संक्रमित लोगों की संख्या में धीरे-धीरे कमी हो रही है। न जाने क्यों सरकारें लोगो को अंधकार में रख रही है। अगर हमे इस बीमारी को हराना है तो सरकारों को पारदर्शी होने की ज़रुरत है।
राजस्थान के पिछले एक सप्ताह की रिपोर्ट पर गौर करें तो जयपुर में सबसे ज्यादा जांच हुई है। हर दिन, औसतन 16,388 लोगों के नमूनों की जाँच की जा रही है। यही कारण है कि सकारात्मक मामले भी यहां ज़्यादा पाए गए हैं। पिछले एक सप्ताह में, जयपुर में 28,888 नए सकारात्मक मामले पाए गए हैं, जिसका मतलब है कि हर दिन औसतन 4126 मामले। प्रतापगढ़ जिले में पिछले एक सप्ताह में सबसे कम जांच हुई है। औसतन हर दिन 650 लोगों के नमूनों की जांच की जा रही है, जबकि हर दिन औसतन 187 सकारात्मक मामले पाए जाते हैं। जालोर में पिछले एक सप्ताह में सबसे कम मामले पाए गए हैं, औसतन हर दिन 130 पॉजिटिव पाए गए हैं।