न्यूज़- कछुआ समुद्र में रहने वाला एक शानदार जीव है। आमतौर पर शांत से दिखने वाले कछुए के शिकार में पिछले कई सालों से तेजी देखी जा रही है। कछुओं के संरक्षण के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) मनाया जाता है। हर साल इस दिवस की थीम अलग रहती है। इस दिन जीव प्रेमी हरे रंग के कपड़े पहनते हैं। पहली बार विश्व कछुआ दिवस 2000 में मनाया गया था, तब से आज तक ये सिलसिला जारी है। हाल ही में एक कछुए ने समुद्र में 37 हजार किलोमीटर का सफर तय किया था, जिसकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
World Turtle Day पर इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी प्रवीण कासवान ने कछुए की एक अनोखी कहानी शेयर की है। जिन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि एक कछुए की अपने घर जाने की अद्भुत यात्रा। उन्होंने बताया कि योशी नाम के कछुए ने मार्च में अपने बच्चों को जन्म देने और उनके पालन पोषण के लिए जगह की तलाश करते हुए 37 हजार किलोमीटर की यात्रा की। उसकी ये यात्रा अफ्रीका से ऑस्ट्रेलिया तक की थी। उन्होंने कहा कि हमें ये देखने की जरूरत है कि आखिर क्यों ये जानवर इतनी लंबी यात्रा करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक योशी नाम के मादा कछुए को घायल हालत में पाया गया था। जिसके बाद जीव प्रेमियों ने उसका इलाज करवाया और स्वस्थ होने तक उसकी निगरानी की। इसी बीच उसके शरीर पर सैटलाइट टैग लगा दिया गया, ताकी उसकी प्रजाति के बारे में और जानकारी हासिल की जा सके। 20 साल की कैद के बाद आखिरकार उसे रिहा कर दिया गया। जिसके बाद उसने अपने घर की तलाश शुरू की। फिर अपनी मंजिल की तलाश में वो चलती गई और आधी दुनिया का चक्कर लगा लिया। 37 हजार किलोमीटर के सफर की कहानी को सुनकर लोगों के होश उड़ गए।
वहीं दूसरी ओर कोरोना का संक्रमण भारत में तेजी से फैलता जा रहा है। देश में लागू लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं, तो वहीं उद्योग-धंधे भी बंद पड़े हैं। इसका साफ असर पर्यावरण और जानवरों पर पड़ रहा है। इंसानी गतिविधियां ठप होने की वजह से अब बड़ी संख्या में समुद्री कछुए किनारों का रुख करने लगे हैं। हाल ही में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने ट्विटर अकाउंट पर समुद्री कछुओं का वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो में कछुए के बच्चे समुद्र तट पर घूमते दिख रहे थे। वीडियो देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये कछुए के बच्चे हाल ही में पैदा हुए हैं। जिस वजह से वो ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं।