पंजाब पुलिस और संगठित अपराध रोकथाम इकाई (ओसीसीयू) ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में पंजाब के दो मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और जस्सी खरड़ को मुठभेड़ में मार गिराया। इन दोनों गैंगस्टरों ने 15 मई को लुधियाना के जगरांव स्थित अनाज मंडी में सीआईए के सहायक सब-इंस्पेक्टर भगवान सिंह और दलविंदरजीत सिंह की हत्या की थी।
पंजाब पुलिस अपने दो अफसरों के कातिलों की तलाश में थी। 29 मई को
जयपाल भुल्लर के साथी बलविंदर सिंह उर्फ बब्बी, दर्शन सिंह को मध्य प्रदेश
के ग्वालियर जिले के डबरा रेलवे स्टेशन से पुलिस ने धर दबोचा था। दोनों
महाराष्ट्र भगाने की फिराक में थे। पंजाब पुलिस ने बलजिंदर और दर्शन को
ग्वालियर में पनाह देने वाले हरचरण सिंह को भी गिरफ्तार किया था।
जानकारी के अनुसार, बलजिंदर और दर्शन से हुई गहन पूछताछ
में एसआईटी के हाथ यह सुराग लगे थे कि जयपाल और जस्सी कोलकाता भाग गए हैं।
इसी पूछताछ के आधार पर एसआईटी कोलकाता पहुंची और गैंगस्टर जहां छिपे थे,
उस मकान को घेर लिया। इससे पहले पुलिस ने जयपाल के एक अन्य साथी गैवी को जमशेदपुर से गिरफ्तार किया था।
कोलकाता में मारे गए गैंगस्टर जयपाल फिरोजपुरिया के पिता पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर थे। समय ने ऐसी करवट ली कि एक पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा जुर्म की दुनिया में कूद पड़ा। जयपाल के खिलाफ देशभर में करीब 50 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जयपाल पंजाब के फिरोजपुर जिले के दशमेश नगर का रहने वाला था। उसका दूसरा नाम मनजीत था। उसने विक्की गौंडर और प्रेमा लाहौरियां की मौत के बाद गैंग की कमान संभाली थी।
जयपाल विक्की गौंडर का साथी रहा है और सुक्खा काहलवां हत्याकांड में शामिल था। जयपाल गैंग में फरीदकोट निवासी तीर्थ सिंह ढिल्लवां, लुधियाना निवासी बिल्ला ख्वाजके, उत्तर प्रदेश का शूटर असलम शामिल हैं। ये सभी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शामिल हैं।
जयपाल पर करीब 50 मामले दर्ज हैं। इनमें फिरोजपुर के सेखों करमीती समेत दोहरे हत्याकांड, तरनतारन और लुधियाना में दो हत्या के मामले, लुधियाना में व्यवसायी पंकज अग्निहोत्री के घर में 60 लाख की लूट, राजस्थान के किशनगढ़ में दो करोड़ के तांबे से लदा ट्रक लूट मामला, लुधियाना का चिराग अपहरण केस और एयरटेल शोरूम में डकैती और जगरांव में दो पुलिसकर्मियों की हत्या शामिल है।
गैंगस्टर विक्की गौंडर व प्रेमा लहौरिया की मौत के बाद गैंगस्टर जयपाल ने गिरोह की कमान संभाली। इसी के आदेश पर गिरोह काम करता था। जयपाल उस समय चर्चा में आया था जब उसने फाजिल्का के नेता व गैंगस्टर रॉकी की हिमाचल के परवाणु में हत्या की थी। हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए उसने अपने फेसबुक पेज पर वारदात वाली फोटो भी शेयर की थी। सोलन में चश्मदीद परमपाल पाल और हरप्रीत सिंह के बयान पर हिमाचल पुलिस ने जयपाल व उसके गिरोह पर हत्या का केस दर्ज किया था।