झारखंड में मिला 250 किलो सोने का भंडार,मालामाल हुई सरकार

झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि जिले के भीतरडारी में सोने का भंडार मिला है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के उप महानिदेशक जनार्दन प्रसाद और निदेशक पंकज कुमार सिंह ने राज्य के खान सचिव अबूबकर सिद्दीकी को इस खान में भंडार मिलने की रिपोर्ट सौंपी है।
झारखंड में मिला 250 किलो सोने का भंडार,मालामाल हुई सरकार

न्यूज़- झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि जिले के भीतरडारी में सोने का भंडार मिला है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के उप महानिदेशक जनार्दन प्रसाद और निदेशक पंकज कुमार सिंह ने राज्य के खान सचिव अबूबकर सिद्दीकी को इस खान में भंडार मिलने की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खान में 250 किलो सोने का भंडार है। आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भी 3000 हजार टन सोना मिलेनी खबर आई थी। लेकिन जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने खदान में 3000 हजार टन नहीं, बल्कि सिर्फ 160 किलो सोना होने का दावा किया है।

सोने के भंडार वाली एक और खान मिलने के बाद झारखंड सरकार अब इस खान की नीलामी की तैयार में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खान से राज्य सरकार के खजाने में 120 करोड़ रुपए आने की संभावना है। बता दें कि भीतरडारी में सोने की भंडार का पता लगाने का काम भूतत्ववेत्ता पंकज कुमार सिंह के निर्देशन में चल रहा था। इसमें अलग-अलग गुणवत्ता वाले सोने की मात्रा का पता चला है। अलग वेराइटी के स्वर्ण अयस्कों से कुल मिलाकर 250 किलो सोना निकलने की संभावना है।

ग्रामीणों ने बताया कि जीएसआई ने साल 2014 से 2018 के बीच उस पहाड़ी का सर्वे किया था। जीएसआई की टीम ने ग्रामीणों को बताया कि पहाड़ी में सोने के भंडार मिलने की जानकारी है। सर्वे के दौरान जीएसआई की टीम ने उन जगहों पर भी खुदाई किया था। सर्वे खत्म होने के बाद जीएसाई की टीम ने ग्रामीणों को यह ज्यादा मात्रा में सोना मिलने की जानकारी दी थी।

गांव वालों के मुताबिक, जीएसआई की टीमने भीतरडारी सोना डुंगरी में उच्च क्वालिटी के सोने के भंडार होने की बात कही थी। जीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार भीतरडारी में साढ़े तीन लाख टन सोने का भंडार है। यह सोना 200 मीटर की गहराई में है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह पर सोने के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है उस स्थान का नाम समानोम डुंगरी (सोना डुंगरी) है। अंग्रेजों के शासन के दौरान वहां खुदाई हुई थी और सोने का भंडार मिला था।

ग्राम वन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के केंद्रीय महासचिव और भितरदाड़ी निवासी चमरू हांसदा ने बताया कि जीएसआइ द्वारा 2014 से 18 के बीच सर्वे-ड्रिलिंग की गयी थी। इसके बाद वहां सोना मिलने की जानकारी दी थी। ब्रिटिश जमाने में भी वहां सोने का भंडार मिला था और खुदाई हुई थी, उस समय ब्रिटिश अफसर कुइलो साहब के नेतृत्व में खुदाई हुई थी।

भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड देश के गोल्ड स्पॉट वाले राज्य की संभावना के रूप में विकसित हो रहा है। इससे पहले भी लावा, कुंदरकोचा, पहाड़डीहा और परासी में सोने की भंडारों का पता लगाया जा चुका है। प्रदेश में सात और स्थानों पर सोने की खान के संकेत मिल चुके हैं। आने वाले दिनों में यहां खोज कार्य को आगे बढ़ाकर संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। रांची से लेकर तमाड़ के बीच सोने की खानों की खोज का काम अरसे से चल रहा है। कई स्थानों पर स्वर्णरेखा नदी के बालू से भी सोने की कणों के छानने का काम चलता है।

03 खान जमशेदपुर के कुंदरकोचा, लावा मायसरा और भीतरदारी जमशेदपुर में 01 प. सिंहभूम के पाहरडीहा में 01 तमाड़ के परासी गांव में 10 मिलियन टन सोने का भंडार परासी में 2.5 मिलियन टन सोना पाहरडीहा में

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