डेस्क न्यूज़- कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे के बीच एक चौंकाने वाला शोध सामने आया है। इसमें कहा गया है कि अगर 3 साल से कम उम्र का बच्चा कोरोना से संक्रमित होता है तो घर के बड़ों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है। कनाडा की स्वास्थ्य एजेंसी पब्लिक हेल्थ, ओंटारियो के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। कोरोना पर रिसर्च ।
जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक तीन साल से कम उम्र के बच्चों से घर के सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा 14 से 17 साल के किशोरों की तुलना में 1.4 गुना ज्यादा है। इसके अलावा, 20 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में छोटे बच्चों से संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जबकि 40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में बड़े बच्चों से संक्रमण का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि छोटे बच्चों से संक्रमण का खतरा इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि उनका घर के अन्य सदस्यों के साथ अधिक शारीरिक संपर्क होता है। साथ ही छोटे बच्चों को आइसोलेट करना भी मुश्किल होता है, ऐसे में उनकी देखभाल करने वालों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों से बड़ों में संक्रमण फैलने का खतरा किस हद तक है, इसे समझने के लिए शोध किया गया। शोधकर्ताओं की टीम ने 6,280 घरों का दौरा किया जहां 1 जून 2020 से 21 दिसंबर 2020 के बीच बच्चे संक्रमित हुए थे। शोध में 4 प्रकार के आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया था। पहला – 0 से 3 साल, दूसरा – 4 से 8 साल, तीसरा – 9 से 13 साल, चौथा 14 से 17 साल।
परिणामों से पता चला कि संक्रमण 0 से 3 वर्ष की आयु के 766 संक्रमित बच्चों से घर के 234 अन्य सदस्यों में फैल गया। वहीं, 14 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के 17,636 बच्चों में से 2376 परिवार के सदस्यों में कोविड फैल गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि 1 लाख संक्रमित छोटे बच्चों से परिवार के 30,548 सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा है। वहीं किशोरों से संक्रमण का खतरा इससे कम होता है। 1 लाख संक्रमित किशोरों ने परिवार के 26,768 सदस्यों को संक्रमित होने के खतरे में डाल दिया।
पहला कारण ये है कि छोटे बच्चों के नाक और गले में वायरस का भार बड़े बच्चों की तुलना में अधिक होता है। दूसरा कारण संक्रमण के बाद किसी प्रकार का कोई लक्षण नहीं होता है। चूंकि बच्चे स्पर्शोन्मुख हैं, यह संक्रमण वयस्कों के लिए आसानी से सुलभ है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हालांकि संक्रमण बच्चों से लेकर बड़ों तक बहुत तेजी से नहीं फैलता है, लेकिन फिर भी अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है। अगर घर में बच्चा संक्रमित है तो माता-पिता और अन्य बड़े सदस्यों को उनकी देखभाल के दौरान मास्क जरूर पहनना चाहिए।